चंडीगढ़. शिरोमणि अकाली दल में नेतृत्व को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। पार्टी की पांच सदस्यीय भर्ती कमेटी ने सर्वसम्मति से पूर्व अकाल तख्त जत्थेदार गियानी हरप्रीत सिंह को नया अध्यक्ष घोषित किया है। यह फैसला बुरज अकाली फूला सिंह गुरुद्वारे में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया। वहीं, पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गियानी हरप्रीत सिंह पर केंद्र सरकार के साथ मिलकर सिख पंथ और अकाली दल को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया है।
सुखबीर बादल ने कहा कि केंद्र सरकार गियानी हरप्रीत सिंह के साथ मिलकर पंजाब पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि यह पूरा षड्यंत्र अकाली दल और सिख पंथ को कमजोर करने के लिए रचा गया है। बादल ने कहा, “केंद्र ने योजना बनाई कि एक दरखास्त दी जाए, फिर गियानी हरप्रीत सिंह मुझे पंथ से बाहर करेंगे। इसके बाद हमारी सरकार के दौरान हुए कार्यों को उनकी झोली में डाल दिया गया। यह निशाना मुझे पार्टी से हटाने का था, लेकिन न मेरे पिता प्रकाश सिंह बादल झुके, न मैं झुकूंगा।”

बादल ने गियानी हरप्रीत सिंह पर केंद्र के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सारी साजिश सिख पंथ को कमजोर करने की है। दूसरी ओर, कमेटी ने ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष भाई अमरीक सिंह की बेटी बीबी सतवंत कौर को सर्वसम्मति से सिख कौंसिल का अध्यक्ष चुना है। बैठक में संता सिंह ने गियानी हरप्रीत सिंह का नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया, जिसके खिलाफ कोई अन्य नाम सामने नहीं आया। इसके चलते गियानी हरप्रीत सिंह को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। यह बैठक निहंग संगठन बुद्धा दल के अमृतसर स्थित कार्यालय बुरज अकाली फूलसर में हुई।
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