Punjab Vigilance Chief Reinstated: चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने चार महीने बाद विजिलेंस ब्यूरो के पूर्व प्रमुख एसपीएस परमार का निलंबन रद्द कर उनकी सेवाएं बहाल कर दी हैं. परमार को 25 अप्रैल को जालंधर में ड्राइविंग लाइसेंस घोटाले में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया था. अब उन्हें डीजीपी को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं और जल्द ही उनकी नई तैनाती की संभावना है. इसके साथ ही फाजिल्का के पूर्व एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ की सेवाएं भी बहाल की गई हैं.

जालंधर में ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े घोटाले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कथित लापरवाही के लिए विजिलेंस ब्यूरो के प्रमुख एसपीएस परमार, एआईजी फ्लाइंग स्क्वाड स्वर्णदीप सिंह और एसएसपी विजिलेंस जालंधर हरप्रीत सिंह मंडेर को निलंबित कर दिया था. स्वर्णदीप सिंह और हरप्रीत सिंह मंडेर को पहले ही बहाल किया जा चुका था, लेकिन परमार का निलंबन अब तक बरकरार था.

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Punjab Vigilance Chief Reinstated

Punjab Vigilance Chief Reinstated

7 अप्रैल को विजिलेंस ब्यूरो ने जालंधर में आरटीओ कार्यालय, ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर और कॉमन सर्विस सेंटर पर छापेमारी की थी. जांच में सामने आया कि कई लोगों ने बिना उचित टेस्ट दिए या किसी अन्य व्यक्ति को अपने स्थान पर टेस्ट देने के लिए खड़ा करके ड्राइविंग लाइसेंस हासिल किए थे. इस मामले में केवल एक निजी एजेंट विजय को गिरफ्तार किया गया था, जबकि आरटीओ अधिकारियों, बिचौलियों और आवेदकों का एक समूह इस अवैध गतिविधि में शामिल था. विजिलेंस की कार्रवाई उस समय निजी एजेंटों तक सीमित रही थी.

नई तैनाती का इंतजार (Punjab Vigilance Chief Reinstated)

एसपीएस परमार और वरिंदर सिंह बराड़ को अभी नई तैनाती नहीं दी गई है, लेकिन जल्द ही उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं. इस फैसले से पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है.

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