चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने पंजाब विधानसभा में जल संसाधन मंत्री के रूप में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) के संस्थानों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.) की तैनाती के खिलाफ एक आधिकारिक मत पेश किया। इस दौरान उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए पंजाब के हितों और जल संसाधनों की रक्षा पर जोर दिया।


अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां की अर्थव्यवस्था और जीवन किसानों, उनके खेतों और पानी के इर्द-गिर्द घूमता है। उन्होंने पिछली सरकारों की संकीर्ण सोच और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के बजाय चुनावी लाभ को प्राथमिकता देने की कड़ी आलोचना की। अरोड़ा ने बताया कि पंजाब की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है और राज्य की लगभग 70 प्रतिशत आबादी इस पर निर्भर है।


उन्होंने कहा, “पंजाब के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के दौरान, जब पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस का शासन था, तब सतलुज यमुना लिंक (एस.वाई.एल.) नहर का निर्माण कपूरी से शुरू हुआ था। पंजाब यह भी जानता है कि इस नहर को अदालत में किसने चुनौती दी थी और बाद में उसी कांग्रेस शासन के दौरान इसे कैसे वापस ले लिया गया।”

पानी का मुद्दा पंजाबियों के लिए भावनात्मक
अरोड़ा ने कहा कि पानी का मुद्दा हर पंजाबी के लिए बेहद भावनात्मक है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बी.बी.एम.बी. चयन समिति में एकतरफा बदलाव करने की कोशिश की, जिसमें पंजाब (बिजली) और हरियाणा (सिंचाई) के प्रतिनिधि शामिल थे। उन्होंने बताया कि बी.बी.एम.बी. परियोजना का 60 प्रतिशत खर्च पंजाब वहन करता है, फिर भी केंद्र सरकार ने राज्य के हितों और अधिकारों को पूरी तरह नजरअंदाज किया है।

पंजाब पुलिस की क्षमता पर सवाल

अरोड़ा ने यह भी उजागर किया कि पंजाब में सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) के अधिकार क्षेत्र का विस्तार भी कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था। उन्होंने बताया कि जून 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि पंजाब की जेलों की सुरक्षा सी.आई.एस.एफ. को सौंप दी जाए, जिसका मतलब था कि पंजाब पुलिस इस जिम्मेदारी के लिए सक्षम नहीं है।

अरोड़ा ने अपने संबोधन में पंजाब के हितों की रक्षा और जल संसाधनों पर राज्य के अधिकारों को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने केंद्र सरकार से पंजाब के साथ न्याय करने और उसके हितों को प्राथमिकता देने की मांग की।