रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार के खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहिले को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा,जब भाजपा के आईटी सेल के पदाधिकारी विधायकों,सांसदों,मंत्रियों और विशिष्ट लोगों के मोबाइल में भीम एप डाउनलोड कर रहे थे..भीम एप एक ऐसा सरकारी मोबाइल एप्लीकेशन है, जिसके जरिये मोबाइल से ही पैसे का लेन-देन हो जाता है..
दरअसल आज भाजपा कार्यालय में प्रदेश प्रभारी अनिल जैन ने आपात बैठक बुलाई थी..बैठक के बाद भाजपा के आईटी सेल के पदाधिकारी भारत सरकार के भीम एप की जानकारी सभी बड़े लोगों को दे रहे थे और उनका मोबाइल मांगकर सभी के मोबाइल में भीम एप डाउनलोड कर रहे थे…इसी दौरान जब खाद्य मंत्री पुन्नूलाल मोहिले वहां पहुंचे,तब आईटी सेल वालों ने मंत्री जी से उनका मोबाइल मांगा..इस बात पर मंत्री जी झेंप गये और मोबाइल देने से इंकार करते हुए पहले अपने पीएसओ से कहा कि वह अपने मोबाइल में इस एप को डाउनलोड करा ले..लेकिन पीएसओ के मना करने पर मंत्री जी ने अपने निज सहायक से कहा कि वो अपना मोबाइल दे दे,उसने भी मना कर दिया..ऐसी स्थिति में मंत्री जी ने अपने जेब से उस मोबाइल फोन को निकाला, जो स्मार्ट फोन नहीं है…दरअसल मंत्री जी टेक्नो फ्रेंडली नहीं हैं और उन्हें स्मार्ट फोन उपयोग करना नहीं आता और न ही वे इस पचड़े में पड़ना चाहते हैं…इसलिये उन्होनें इस मामले को हंसी मजाक में टालते हुए पुराने मॉडल का अपना मोबाइल फोन निकाला और इसे आईटी सेल वालों को देते हुए मजाकिया लहजे में बोले “ए ले धर अउ एमा करबे त कर”
अब जब मंत्री ही डिजिटल इंडिया के प्रधानमंत्री के नारे को मजाक बनाने में तुले हों,तो ऐसे में भला डिजिटल छत्तीसगढ़ का सपना कैसे साकार हो पायेगा..आज के दौर में जब पेपरलेस गवरमेंट की बात कही जा रही हो और सभी तरह की शासकीय गतिविधियां ऑनलाइन संचालित करने की वकालत की जा रही हो,ऐसे में एक मंत्री को स्मार्ट फोन के फंक्शन की जानकारी न होना और उस पर इसे सीखने में रूचि न दिखाना आश्चर्यजनक ही कहा जायेगा.