सत्यपाल राजपूत, रायपुर। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बीजेपी धान खरीदी को लेकर भ्रम फैला रही है. भ्रम फैलाने वाले डॉक्टर रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक,विष्णुदेव साय को माफी मांगना चाहिए. दोनों नेताओं ने प्रदेश में धान खरीदी का पूरा विवरण दिया.

गिरीश देवांगन ने कहा कि इस साल रिकार्ड धान खरीदी हुई है. भाजपा नेता लगातार बाधा डालते रहे, भ्रम फैलाते रहे, फर्जी बातों को लेकर किसानों को राज्य सरकार के खिलाफ भड़काया, इनकी केन्द्र सरकार बाधा डालती रही, इनको माफी भी मांगना चाहिए, शर्मिन्दा भी होना चाहिए. छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार ने किसानों से 5 हार्स पावर पंप की मुफ्त बिजली,एक-एक दाना धान की खरीदी,2100 समर्थन मूल्य, 300 रू. बोनस उसमें पहले 270 बोनस हर हमेशा किसानों को धोखा ही दिया.

संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि रमन सरकार के आखरी साल के आंकड़ों पर ही नजर डाले तो भाजपा के किसान विरोधी चरित्र की पोल यही खुल जाती है. इस साल रमन सिंह सरकार ने 15 लाख 77 हजार 332 किसानों से धान खरीदा, 24,46,546.99 लाख हेक्टेयर रकबे का पंजीकरण किया, 19,36,008.31 हेक्टेयर रकबे का धान खरीदा,12 लाख 6 हजार 264 किसानों से धान खरीदा भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने 6 हजार करोड़ की राशि किसानों को अधिक मिली.5 लाख हेक्टेयर अधिक रकबे का धान खरीदा 5 लाख 75 हजार 143 अधिक किसानों का पंजीकरण किया.

कांग्रेस ने किसानों का धान खरीदा है और भरपूर धान खरीदा है. किसानों को समर्थन मूल्य देने में देश की अग्रणी राज्य सरकारों में है कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार. त्रिवेदी ने कहा कि हर साल कुछ पंजीकृत किसान की धान खरीदी नहीं हो पाती है, जिसके बहुत से कारण है कांग्रेस पर आरोप लगाने और धान खरीदी में बाधा डालने वाले रमन सिंह के 15 वर्षीय कुशासन के काले कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2017-18 में ही कुल पंजीकृत 15 लाख 77 हजार 332 किसानों में सिर्फ 12,06,264 किसान धान बेच पाए थे और 3,71,068 किसान की धान खरीदी नहीं हुई थी.

कांग्रेस ने 2018-19 में 16,96,765 और 2019-20 में 19,55,544 और 2020-21 में 21,52,475 किसानों का पंजीकरण किया और किसानों के धान की भरपूर खरीद की है. लेकिन रमन सिंह सरकार के अकेले 1 साल के अंतिम कार्यकाल 2017-18 में 371068 पंजीकृत किसानों ने धान नहीं बेचा था.  कांग्रेस सरकार के पहले कार्यकाल 2018-19 में धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 1,25,351 और दूसरे वर्ष 2019-20 में 1,16,951 और इस वर्ष 1,00,475 है जिसका कुल योग रमन सिंह सरकार के अंतिम कार्यकाल में धान ना बेच पाने वाले कुल संख्या के योग से भी कम है.