पुरी : श्रीमंदिर के सहोदर देवता भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा, रविवार से अनसर घर में देवस्नान पूर्णिमा पर किए गए औपचारिक स्नान के कारण हुए बुखार का गुप्त उपचार करवा रहे हैं। देवता एक अंधेरे कमरे में हैं और दैतापति सेवकों की विशेष देखभाल में हैं। त्रिदेवों के प्रतिनिधि के रूप में पति दीआन (देवताओं की पेंटिंग) की पूजा की जा रही है।

कल गीले कपड़े उतार दिए गए थे, जबकि आज श्रीअंग फिटा नीति का आयोजन किया जाएगा। राजवैद्य (राजपरिवार से संबंधित आयुर्वेदिक चिकित्सक) देवताओं का इलाज बेर से बनी औषधियों से कर रहे हैं। देवताओं को उनके अस्वस्थ होने पर ‘चकाटा’ (बिना पका हुआ और ‘पना’) चढ़ाया जाता है।

इन दिनों में देवता केवल सफेद रंग के कपड़े और फूल पहनते हैं। 14 दिनों के बाद भगवान स्वस्थ हो जाएंगे और फिर श्रीमंदिर से 2.5 किलोमीटर दूर श्री गुंडिचा मंदिर तक अपनी वार्षिक यात्रा (रथ यात्रा) करेंगे। इस साल रथ यात्रा 7 जुलाई से शुरू होगी।

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