Purple Day of Epilepsy: 26 मार्च को पर्पल डे (Purple Day of Epilepsy) है. मिर्गी यानी एपिलेप्सी (Epilepsy) को लेकर लोगों में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए भारत सहित विश्व के 134 देशों में पर्पल डे फॉर एपिलेप्सी मनाया जाता है. जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को मिर्गी के प्रति जागरूक करना है. पर्पल डे को Epilepsy Awareness Day के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन लोगों को मिर्गी के प्रति जागरूक करने के समर्थन में बैंगनी रंग (purple) के कपड़े पहनने और कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कहा जाता है. यही वजह है कि इस दिन को Purple Day of Epilepsy भी कहा जाता है.
‘पर्पल डे’ (Purple Day) की शुरुआत कनाडा में 9 साल की कैसिडी मेगन ने साल 2008 में की थी. 26 मार्च 2008 को पहला पर्पल डे मनाया गया था. कैसिडी खुद इस बीमारी से जुझ रही थीं और इसके बारे में लोगों को जागरूक करना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने इस अभियान की शुरुआत की थी.
मिर्गी क्या है ? (Purple Day of Epilepsy )
मिर्गी के बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं है कि ये है क्या ? असल में मिर्गी एक विकार है, जिसमें मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिका (nerve cell) गतिविधि में गड़बड़ी होती है, जो बाद में दौरे का कारण बनती है. मरीज को दौरे पड़ते हैं, वह बेहोश हो सकता है या कुछ समय तक असामान्य व्यवहार कर सकता है. जानकारों के मुताबिक मिर्गी (Epilepsy) एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है. जिससे दिमाग में असामान्य तरंगें पैदा होती हैं. दिमाग में गड़बड़ी के चलते इंसान को बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं. दौरा पड़ने पर दिमागी संतुलन बिगड़ जाता है और शरीर लड़खड़ाने लगता है.
स्थिति की बात करें तो विश्व में मिर्गी के 5 करोड़ रोगी हैं. इसमें से एक करोड़ करीब 20 फीसदी मरीज भारत में ही हैं. वहीं विश्व में जहां 01 लाख की आबादी में 49 मिर्गी रोगी होते हैं तो भारत में ये आंकड़ा 139 के करीब है.
मिग्री का पर्पल रंग से कनेक्शन
अब आपके दिमाग में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर मिर्गी का पर्पल रंग से क्या कनेक्शन है ? मिर्गी के लिए अंतर्राष्ट्रीय रंग लैवेंडर है, जो एकांत का प्रतीक रंग है. इस अभियान से बैगनी रंग के जुड़ने की कहानी काफी दिलचस्प है. दरअसल, विशेषज्ञों का दावा है कि बैगनी रंग के फूल लैवेंडर में मौजूद तत्व केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (nervous system) को आराम पहुंचाने का काम करता है. क्योंकि मिर्गी की बीमारी सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी होती है.
मिर्गी के लक्षण
- शरीर में अकड़न
- आंखों के आगे अंधेरा छा जाना
- बेहोशी
- मुंह से झाग आना
- होंठ या जीभ काट लेना
- आंखों की पुतलियों का ऊपर की तरफ खिंच जाना
- अचानक से जमीन पर गिर जाना
- दांत भिंचना
इन टेस्ट से पता करें मिर्गी है या नहीं
ब्लड टेस्ट
इलेक्ट्रोएंसेफैलोग्राफी (ईईजी)
मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई)
पोज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी)
कंप्यूटराइज़्ड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन)
सिंगल-फोटॉन एमिशन कंप्यूटराइज़्ड टोमोग्राफी (स्पेक्ट)
मिर्गी का इलाज
अमेरिका में 3.5 मिलियन से ज्यादा लोगों और दुनिया भर में 50 मिलियन से ज्यादा लोगों के मिर्गी का इलाज अब तक किया जा चुका है. इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए ये प्रीकॉशन जरुरी है, जैसे-
- पर्याप्त नींद भी है जरूरी
- संतुलित भोजन
- शराब, तंबाकू, सिगरेट से परहेज
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