रायपुर। ज्योतिष शास्त्र में सोने, चांदी, लोहे सहित अन्य धातुओं का अपना-अपना धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि हर एक धातु किसी न किसी ग्रह और देवी-देवता से संबंधित है। इन्हीं धातुओं में से एक है एक लोहे की धातु। लोहे की धातु भगवान शनि को काफी प्रिय है। इसलिए कहा जाता है कि शनिवार के दिन लोहे से बनी कोई भी चीज घर नहीं लानी चाहिए, वरना शनि दोष का कारण बन सकता है। लेकिन घोड़े की नाल को इस दिन धारण करने या टांगने से निर्धन व्यक्ति भी धनी बन जाता है।

हर व्यक्ति चाहता है कि उसके घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास न हो। घर का वातावरण सकारात्मक होने से न सिर्फ धन संपत्ति में वृद्धि होती है बल्कि परिवार के सदस्य भी शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। अगर आप भी आर्थिक रुप से संपन्न होना चाहते है और घर की नकरात्मकता को दूर करना चाहते है तो घोड़े की नाल के उपाय को आजमाकर जरूर देखें।

घोड़े की नाल लगाने के लाभ

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शनि देव मेहनत करने वाले से खुश रहते हैं। इसी कारण जो घोड़ा काफी दौड़ता है तो उसके पांव में लगी नाल भी घिसती है। घिसी हुई नाल ऊर्जा प्रदान करती है। नाल घर के दरवाजे पर लगाने से धन, सुख, समृद्धि बनी रहती है। बुरी नजर से बचे रहते हैं। नाल को इंग्लिश वर्णमाला के अक्षर यू के आकार में लगाना चाहिए। लेकिन काले घोड़े की वही नाल असरदार होती है, जो काफी घिस चुकी हो यानी कि काफी चल चुकी हो।

कैसे लगाएं घोड़े की नाल

सबसे पहले आप घोड़े की नाल खरीद कर लाएं। वैसे तो आप घोड़े की नाल लोहार से बनवा सकते हैं या फिर बाजार से भी ला सकते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करें और घोड़े की नाल को गंगाजल से धोएं। इसके बाद जब घोड़े की नाल गीली हो जाए तो भगवान सूर्य की किरणों से घोड़े की नाल को सुखाएं। ऐसा करने से घोड़े की नाल में सकारात्मक ऊर्जा भर जाएगी। अब इसके बाद घोड़े की नाल को मंदिर में ले जाकर माता लक्ष्मी के सामने रख दें। उसके बाद सबसे पहले कुमकुम और चावल से माता लक्ष्मी की पूजा करें और उसके बाद घोड़े की नाल की पूजा करें।

घोड़े की नाल का पहनें छल्ला

घोड़े की नाल के छल्ले का उपयोग हर क्षेत्र में बहुत ही शुभ माना जाता है। सामान्यतया इसका प्रयोग शनि के दुष्प्रभावों और बुरी आत्माओं से बचने के लिए किया जाता है। इसलिए इसे शनि का छल्ला भी कहते हैं। इसे दाहिने हाथ की माध्यम अंगुली में धारण करना अच्छा माना जाता है। क्योंकि इसी उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है। जो व्यक्ति इसे धारण करता है उसके जीवन में सुख संपत्ति और समृद्धि आती है।