मनोज यादव, कोरबा. पंचायत चुनाव को लेकर कोरबा जिले से एक अच्छी खबर आई है. जिले के पाली जनपद के ग्राम पंचायत पुटा में ग्रामीणों ने नामांकन दाखिल के पहले ही अपना पंच और सरपंच चुन लिए है. यहां ग्रामीणों ने लगातार दूसरी बार निर्विरोध जनप्रतिनिधि चुने हैं. लेकिन पंचायत को पहले साल का प्रोत्साहन राशि नहीं मिला है. इसके बाद भी ग्रामीणों की यह पहल सराहनीय है.
बता दें कि पुटा गांव को 2015 में पंचायत का दर्जा मिला था. इसके बाद हुए चुनाव में पंच और सरपंच निर्विरोध चुने गए. जिसको ग्रामीणों ने इस साल भी जारी रखा. निर्विरोध निर्वाचन होने से गांव वालों में पारिवारिक संबंध बरकरार है. वे आपसी भाईचारे के साथ जीवन यापन कर रहे हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार पुटा पंचायत की जनसंख्या में 1182 थी. आज लगभग 1500 हैं. इस साल सरपंच समेत 11 पंच निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.
ये हैं नव निर्वाचित प्रतिनिधि
सरपंच सुमरीत बाई दिलाराम नेताम, पंच- इतवारा बाई, देव कुमार कोराम, पतिराम सोरठे, कीर्तन बाई मरकाम, भाव सिंह धनुवार, राजेश कुमार ध्रुव, सुनीता बाई ध्रुव, महेत्तर सिंह, रामकुमारी नेताम, रामेश्वरी नेताम, बुधवारा बाई मरकाम सहित 11 पंचों का निर्विरोध निर्वाचित हुआ.
इस बार महिला आरक्षण होने के कारण गांव वालों ने सुमरित बाई नेताम को सरपंच चुना है. निर्विरोध चुने जाने के बाद सुमरित बाई ने बताया कि इससे पहले भी गांव में निर्विरोध चुनाव हो चुका है. गांव में पूर्व सरपंच ने कई विकास कार्य किए हैं. उसे मैं आगे बढ़ाने का काम करूंगी.
बुजुर्ग फेरु सिंह गौड़ बताया कि इस साल भी ग्रामीणों के सहयोग से निर्विरोध चुनाव किया गया. गांव के पंच जगत कुमार की माने तो निर्विरोध चुनाव के लिए कभी भी विवाद की स्थिति नहीं बनी और सभी एकता के साथ सरपंच और पंच का चयन करते हैं.
अब तक नहीं मिली प्रोत्साहन राशि
पुटा पंचायत में पिछले साल भी पंच-सरपंच का निर्विरोध चुनाव हुआ था. लेकिन शासन से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि आज तक नहीं मिली है. लोगों ने राशि पाने कई जतन किए, लेकिन उन्हें सिर्फ निराशा हाथ लगी.