Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) भारत के दौरे पर हैं। आज पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन है। पुतिन के आज के कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन में राजकीय स्वागत के साथ शुरू हुई। पुतिन को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर (guard of honour) दिया गया। इस दौरान पुतिन को 21 तोपों की सलामी दी गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) मौजूद रहे।

गार्ड ऑफ ऑनर भारत में किसी भी विदेशी राष्ट्रप्रमुख को मिलने वाला सर्वोच्च औपचारिक सम्मान है। सेरेमोनियल वेलकम केवल उन्हीं नेताओं को दिया जाता है, जो राजकीय यात्रा (State Visit) पर भारत आते हैं, यह सम्मान सिर्फ उन देशों के राष्ट्राध्यक्षों के लिए होता है, जहां राष्ट्रपति हेड ऑफ स्टेट होते हैं।

राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर मिलने के बाद राष्ट्रपति पुतिन राजघाट पहुंचे। यहां पुतिन ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। महात्मा गांधी को नमन करने के बाद पुतिन भारत-रूस की 23वीं सालाना समिट में शामिल होने के लिए  हैदराबाद हाउस पहुंच गए हैं। बैठक में पीएम मोदी के साथ कई मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही भारत-रूस के बीच कई मुद्दों पर मुहर लगेगी।

रूस ने भारत को आर्कटिक शिप बिल्डिंग में जुड़ने का बड़ा ऑफर दिया

पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में मीटिंग से पहले बड़ी खबर आई है। रूस ने भारत को आर्कटिक शिप बिल्डिंग में जुड़ने का बड़ा ऑफर दिया है। रूस के आइस ब्रेकर और भारत के शिप बिल्डिंग क्षमता को मिलकर काम करने का ऑफर दिया है। थोड़े दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के आइस ब्रेकर को लेकर चर्चा की थी।

राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री की मीटिंग हुई

23वें भारत–रूस शिखर सम्मेलन से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोउसॉव से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने रक्षा और रणनीतिक सहयोग को और मजबूत बनाने पर विस्तार से चर्चा की। बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ाने के लिए तेजी से काम कर रहा है और देश का लक्ष्य घरेलू उत्पादन के साथ-साथ रक्षा निर्यात को भी बढ़ाना है। उन्होंने यह भी बताया कि विशेष तकनीकों और नई रक्षा क्षमताओं में भारत और रूस के बीच सहयोग के कई नए अवसर खुल रहे हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों ने दोहराया कि भारत–रूस साझेदारी गहरे विश्वास, साझा मूल्यों और पारस्परिक सम्मान पर आधारित है। यह बैठक आज होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की वार्ता से पहले सुरक्षा और रक्षा एजेंडा को दिशा देने वाला एक अहम संवाद माना जा रहा है।

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