भारत और रूस के रिश्ते अभी तक काफी अच्छे रहे हैं, भारत ने रूस को हेमशा बड़ा भाई माना है लेकिन फिर भी व्लादिमीर पुतिन ने भारत की एक अहम अपील को ठुकरा दिया. रूस पाकिस्तान को JF-17 फाइटर जेट के लिए एक खास इंजन देने जा रहा है. यह फाइटर जेट चीन बनाता है, लेकिन वह इसके लिए रूस पर निर्भर है. भारत ने रूस से आग्रह किया था कि वह उस खास इंजन की सप्लाई पाकिस्तान को न करे जिसका इस्तेमाल JF-17 फाइटर जेट में होना है, लेकिन रूस ने उसकी अपील को सिरे से खारिज कर दिया.

पाकिस्तान को इंजन बेचने के फैसले पर अड़ा रूस

‘डिफेंस सिक्योरिटी एशिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने रूस से लंबे समय तक आग्रह किया कि वह पाकिस्तान को सीधे तौर पर इंजन न बेचे, लेकिन उसने भारत की अपील को किनारे कर दिया. रूस अब पाकिस्तान को इंजन बेचने के फैसले पर टिक गया है. पाक वायुसेना अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए चीन का सहारा लेती है. उसके अधिकतर हथियार और फाइटर जेट चीन की मदद से तैयार हो रहे हैं. चीन के बाद अब रूस भी फाइटर जेट के मामले में उसके खेमे में जाता दिख रहा है.

फैसले के पीछे पुतिन का खेल

रूस एक तरफ भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखने की कोशिश में रहता है और दूसरी तरफ पाकिस्तान से भी हाथ मिला रहा है. पुतिन ने भारत की अपील को न मानकर यह संकेत दे दिया है कि वे डबल गेम खेल रहे हैं. JF-17 4.5 जनरेशन का फाइटर जेट है. अब वह ब्लॉक III को बनाने की कोशिश में है. उसके पास ब्लॉक I और ब्लॉक II पहले से ही हैं, लेकिन इन्हें कम ताकतवर माना जाता है.

चीन और पाकिस्तान के बीच गहरे रिश्ते

भारत का चीन के साथ रिश्ता काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन चीन का पाकिस्तान से गहरा रिश्ता रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी दावा किया था कि चीन ने पाकिस्तान की काफी मदद की थी. पाक सेना के अधिकतर हथियारों और एयरक्राफ्ट्स के लिए चीन पर ही निर्भर है.

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