नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले माह भारत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से इसलिए कन्नी काट रहे हैं क्योंकि वे जानते हैं कि इस सम्मेलन में अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देश उन्हें यूक्रेन युद्ध को लेकर निशाने पर ले सकते हैं और काफी खरी- खोटी सुना सकते है.

  दिल्ली नहीं आने के लिए कोई न कोई बहाना तो उन्हें बनाना ही था. पुतिन के प्रवक्ता ने कहा कि जी -20 बैठक में भाग लेने की पुतिन की कोई योजना नहीं है. उनके भारत नहीं जाने की वजह विशेष सैन्य अभियान है. दरअसल यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को रूस ने विशेष सैन्य अभियान का नाम दिया है. यह पहले ही माना जा रहा था कि यदि पुतिन जी -20 की बैठक में शामिल होंगे तो उनसे सख्त नाराज अमेरिका और यूरोप के देश उन्हें यूक्रेन के खिलाफ युद्धोन्माद और नरसंहार के लिए घेरने की कोशिश करेंगे. ऐसे में वाद-विवाद काफी तीखा हुए बिना नहीं रहेगा.

  जी-20 के मेजबान देश भारत के सामने भी असमंजस की स्थिति पैदा हो जाएगी. पुतिन को सामने देखकर सारा माहौल असहज हो जाता अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के नेता उनको वहीं आड़े हाथ लेते. इन सारी बातों को देखकर पुतिन ने जी- 20 सम्मेलन में शामिल नहीं होना ही उचित समझा. पुतिन ने जी-20 बैठक में नहीं आने की घोषणा ऐसे समय की जब रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ विद्रोह करनेवाले प्राइवेट आर्मी ‘वैगनर’ के प्रमुख प्रिगोझिन की एक विमान दुर्घटना में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई.