Putrada Ekadashi: पौष मास की पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी शुक्रवार को है. यह नए साल 2025 की पहली एकादशी है. इस दिन विधि-विधान से भगवान नारायण की पूजा और व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है. मरने के बाद मोक्ष भी मिलता है.

पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा सुकेतुमा ने ऋषि मुनि द्वारा बताई गई व्रत विधि के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत और पूजा की. जिसके फलस्वरूप उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई और जीवन के अंत में उन्हें मोक्ष भी प्राप्त हुआ. भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को पुत्रदा एकादशी व्रत के महत्व के बारे में विस्तार से बताया. जो भी दंपत्ति पुत्र या संतान की कामना रखते हैं उन्हें सुबह स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए. उसके बाद पौष पुत्रदा एकादशी व्रत और पूजन का संकल्प करना चाहिए.

पौष पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi)

वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी के लिए आवश्यक पौष शुक्ल एकादशी तिथि का शुभारंभ 9 जनवरी को दोप. 12.22 बजे से हो रहा है. यह तिथि 10 जनवरी को सुबह 10.19 बजे पर खत्म होगी. उदयातिथि के अनुसार व्रत 10 जनवरी को रखा जाएगा.

पूजा की विधि

इस दिन फलाहार व्रत करना चाहिए. किसी शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर भगवान नारायण की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद उन्हें पंचामृत स्नान कराएं. उन्हें पीला वस्त्र अर्पित करें. अब आप चंदन, माला, पीले फूल, अक्षत, तुलसी के पत्ते, प्रसाद, फल, मिठाई, दीपक आदि चढ़ाकर पूजा करें. पूजा के दौरान ओम नमो भगवत वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. पूजा के दौरान विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम और पौष पुत्रदा एकादशी व्रत का पाठ करें या सुनें.