बाराबंकी। कोरोना का खौफ बहुत से लोगों के लिए आमदनी का जरिया बन गया है. झोलाछाप डॉक्टर भी इनमें से एक हैं, जो गांवों-कस्बों में मासूम लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने के नाम पर न केवल उनके जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि उनसे पैसा भी वसूल रहे हैं. ऐसे ही एक प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग के अमले ने गांव से एक झोलाछाप डॉक्टर को वैक्सीन लगाते हुए पकड़ा है.

सीएचसी सतरिख अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार जायसवाल को सूचना मिली कि महारूपुर गांव के बृजेन्द्र कुमार गोछौरा गांव में लोगों का इलाज करते हैं. यहां कोरोना वैक्सीन भी लगाया जाता है. इस पर अधीक्षक ने टीम के साथ गांव में जाकर इसकी जांच की. पुष्टि होने पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राजीव सिंह को सूचित किया गया.

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और सीएचसी अधीक्षक ने टीम के साथ पुलिस बल की मौजूदगी में दुकान पर छापा मारा. झोलाछाप बृजेन्द्र कुमार मौके पर मिला. अधिकारियों को जांच में दुकान से कोरोना का टीका लगाने के बाद मरीज को दिए जाने वाले नाम पते सहित छह कार्ड क्लीनिक पर मिले. अधिकारियों की पूछताछ में झोलाछाप ने 130 रुपए में कोरोना वैक्सीन लगाने की बात स्वीकार की है.

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झोलाछाप डॉक्टर ने सात लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने की बात कही है, लेकिन चर्चा है कि दो दर्जन से अधिक लोगों को टीका लगाया गया है. झोलाछाप डॉक्टर ने बताया कि वैक्सीन उसे लखनऊ जिले में रहने वाला संदीप देता था. अब संदीप यह वैक्सीन कहां से लाता था, इसकी जानकारी हासिल करने में अधिकारी जुटे हैं.

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अधिकारियों ने झोलाछाप डॉक्टर को जैदपुर कोतवाली पहुंचाया, जहां उसके विरुद्ध मुकदमा कराने की तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई के बाद अन्य झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकानें बंद कर भाग गए है. मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ. रामजी वर्मा भी मौके पर जांच करने पहुंचे. उन्होंने बताया कि मामला गंभीर है हर हाल में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.