पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। देवभोग पीडब्ल्यूडी में पैसे बचाने सीसी सड़क के नीचे बेस कार्य तय मानक में नहीं बनाया जा रहा है. घटिया बेस से सड़क की गुणवत्ता प्रभावित होगी. मामले में इंजीनियर का कहना है कि यह एसडीओ की स्पेशल साइड है इसलिए कोई देखने नहीं जाता, वहीं एसडीओ का कहना है कि सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है. मैं देखने जाते रहता हूं.

लोकनिर्माण विभाग ने निविदा जारी कर देवभोग आईटीआई कॉलेज प्रांगण में 300 मीटर सीसी सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. 19 लाख 99 हजार लागत इस सड़क में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कार्य स्थल पर विभाग के एक भी तकनीकी अधिकारी झांकने तक नहीं जाता इसलिए ठेका कम्पनी अपनी मनमानी कर रही है.

मामले में जब विभाग के उपयंत्री पीके साहू से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि यह स्पेशल साइड है. एसडीओ ने जाने से मना किया है. वहीं एसडीओ आरके सिन्हा से बात करने पर उन्होंने कहा कि काम सब ठीकठाक है. मैं बीच-बीच में खुद साइट देखने जाता हूं. इंजीनियर को दूसरे साइड देखने बोला हुआ है. कार्य स्थल स्पेशल साइड क्यो है पर एसडीओ ने कहा कि हमें अधिकृत जानकारी वर्जन या बाईट देना मना है.

नियम ताक में रख कर काम करने की पूरी छूट

8 इंच मोटी सीसी सड़क बनाने से पहले मजबूत बेस वर्क करना है. मुरम से जीएसबी वर्क करना है, जिसमें वाईब्रो रोलर के इस्तेमाल से बेहतर क्यूरिंग कर मजबूत बनाना है, लेकिन यहां सामान्य रोलर को केवल खानापूर्ति के लिए चलवाया गया है. मुख्य गेट के अपोजिट सड़क के बेस वर्क जैसे धंसा हुआ है, उसे देख कर ही अनुमान लगाया जा सकता है कि बेस कितना मजबूत बना होगा. पूरे काम में किसी भी तकनीकी कर्मी का नहीं होना, काम में खुली छूट व विभाग के मिलीभगत को दर्शाता है.

गरियाबन्द से आना-जाना होता है अफसर का

देवभोग को लोक निर्माण विभाग के अनुविभाग का दर्जा मिला है, यहां एसडीओ का मुख्यालय स्थापित है, लेकिन इस व्यवस्था में भी विभाग ने खानापूर्ति किया हुआ है. एसडीओ कभी-कभार गरियाबंद से आना जाना करते हैं. एक उपयंत्री मुख्यालय में रहते हैं. इस तरह के 6 से ज्यादा सीसी सड़क, 5 करोड़ से ज्यादा लागत के अन्य सड़कों का काम अनुविभाग में चल रहा है. जिम्मेदार अफसरों की गैरमौजूदगी से गुणवत्ता युक्त कार्य की उम्मीद केवल कल्पना जैसा है.