रायपुर। कोरोना संकट से जूझ रहे छत्तीसगढ़ के क्वारंटाइन सेंटरों में हो रही लोगों की मौतों पर विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सरकारी व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है. बृजमोहन ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना से लड़ी जा रही लड़ाई को मजाक बनाकर रखा है. लोग आत्महत्या कर रहे है,सांप काटने से यहा मौते हो रही है. ऐसा लगता है क्वारंटाइन सेंटर मौत का सेंटर बनता जा रहा है. अब तक 8 से ज्यादा मौतें इन सेंटरों में हो चुकी है बावजूद सरकार व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पा रही है.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राज्य के क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में है. ज्यादातर जगहों में इन स्थानों में रहने वालों की दशा बेहद खराब है. कही खाना नहीं मिलने की शिकायत है तो कही गंदगी से लोग परेशान है. सहसपुर लोहारा के क्वारंटाइन सेंटरों में रुके लोगों का 24 दिन पहले से कोरोना जांच का सैम्पल लिया जा चुका है, बावजूद अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है और न ही उन्हें छुट्टी मिल रही है. ऐसे शिकायत प्रदेश के कई स्थानों से आ रही है.

अंबिकापुर में कोरोना संक्रमित महिला से अस्पताल में लूटपाट की कोशिश, बम्हनीडीह सेंटर में शराब पीने की घटना यह बताने काफी है कि सरकार कोरोना को लेकर कितनी गंभीर है. बृजमोहन ने कहा कि क्वॉरेंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों की मनोदशा बेहद खराब हो रही है.

ऐसे में सरकार को चाहिए कि व्यवस्थाएं अतिशीघ्र ठीक करें. नियमतः मनोचिकित्सकों द्वारा क्वॉरेंटाइन सेंटरों में सभी लोगों की जांच होनी चाहिए परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. जांच के नाम पर सिंर्फ खानापूर्ति हो रही है. यह बेहद चिंताजनक विषय है.
बृजमोहन ने कहा कि यहा लोग कोरोना से भले ही न मरे लेकिन सरकारी सिस्टम लोगों के मौत की वजह बन रहा है, यह बेहद दुःख की बात है.