कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए अडाणी समूह (Adani Group) को 6,600 मेगावाट की बिजली परियोजना का कान्ट्रैक्ट देने के फैसले पर सवाल उठाए.
राज्य विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘मोदाणी इंटरप्राइज’ (Modani Enterprise) करार दिया, जिसमें PM नरेंद्र मोदी और अदाणी समूह के मुखिया गौतम Adani के बीच कथित नजदीकियों को लेकर तंज कसा है.
धांधली सौदे का चौंकाने वाला खुलासा जल्द: कांग्रेस
जयराम रमेश ने कहा कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार चुनाव में संभावित हार के मद्देनजर यह सौदा जल्दबाजी में कर रही है. उन्होंने दावा किया कि इस “गड़बड़ी वाले सौदे” से जुड़ा चौंकाने वाला खुलासा जल्द ही उजागर होगा. कांग्रेस नेता ने X पोस्ट में कहा- “यहां तक कि महाराष्ट्र में महायुति सरकार भारी हार की ओर बढ़ रही है, उन्होंने सत्ता में अपने आखिरी कुछ दिनों में यही करना चुना है. निस्संदेह एक और मोदाणी उद्यम! इस धांधली सौदे के चौंकाने वाली जानकारी जल्द ही सामने आने वाली है.”
अडाणी पावर को मिले कॉन्ट्रैक्ट में क्या है?
अडाणी पावर को महाराष्ट्र की राज्य बिजली वितरण कंपनी के लिए 4.08 रुपए प्रति यूनिट की दर पर नवीकरणीय और थर्मल एनर्जी की आपूर्ति के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिला है, जो मौजूदा दरों से करीब 1 रुपए कम है. कॉन्ट्रैक्ट में 5000 मेगावाट Solar energy और 1496 मेगावाट Thermal energy की आपूर्ति शामिल है, जो 4 साल के भीतर शुरू होने की उम्मीद है. यह सौदा चुनाव से ठीक पहले किया जा रहा है, इसके पीछे बड़े पैमाने पर धांधली की आशंका है.
जानें, अडाणी की इलेक्ट्रिसिटी बिड की डिटेल
अडाणी पावर ने महाराष्ट्र के राज्य बिजली वितरक को 4.08 रुपए प्रति यूनिट की दर पर नवीकरणीय और थर्मल पावर के मिश्रण की आपूर्ति करने के लिए बिल हासिल की है. इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से पीटीआई ने बताया कि यह बिड, जो महाराष्ट्र में बिजली की मौजूदा खरीद लागत से करीब 1 रुपए कम है, ने JSW एनर्जी और टोरेंट पावर जैसी कंपनियों की प्रतिद्वंद्वी पेशकशों को पीछे छोड़ा है. कॉन्ट्रैक्ट में गुजरात में अडाणी ग्रीन एनर्जी के खावड़ा नवीकरणीय एनर्जी पार्क से 5000 मेगावाट सोलर एनर्जी और अदाणी पावर द्वारा विकसित किए जा रहे एक नए अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल प्लांट से 1496 मेगावाट थर्मल बिजली की आपूर्ति शामिल होगी.
हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद Adani की संपत्ति घटी
जनवरी 2023 में अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा एक रिपोर्ट जारी होने के बाद से अडाणी समूह को गहन जांच का सामना करना पड़ा है. रिपोर्ट में Adani समूह पर स्टॉक हेरफेर, लेखांकन धोखाधड़ी और शासन संबंधी मुद्दों का आरोप लगाया गया, जिससे अडाणी की संपत्ति में भारी गिरावट आई थी. शेयर की कीमतें और बाजार मूल्य में अरबों का सफाया हुआ. जबकि शेयर की कीमतें काफी हद तक ठीक हो गईं, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अभी तक अपने निष्कर्षों पर फाइनल रिपोर्ट पब्लिश नहीं की है.
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