IAS-IPS News: महाराष्ट्र (Maharashtra) कैडर की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर (IAS Pooja Khedkar) पर दिव्यांगता और गैर-क्रीमी का गलत सर्टीफिकेट बनवाकर ओबीसी कोटे के तहत UPSC में चयन का आरोप लगा है। हालात यह है कि पूजा खेडकर की नौकरी खतरे में आ गई है। पूजा खेडकर के बाद सोशल मीडिया पर कई और IAS-IPS के कोटे से सिलेक्शन पर सवाल उठ रहे हैं। बकायदा इन आईएएस-आईपीएस का नाम वायरल हो रहा है। तो आइए जानते हैं उन आईएएस-आईपीएस को जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि, Lalluram.Com इन दावों की पुष्टि नहीं करता है।
सोशल मीडिया (X) यूजर आयुष सांघी ने यह भी दावा किया कि कुछ अन्य अधिकारी भी यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए ‘फर्जी’ दिव्यांगता प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर आयुष सांघी ने अपने एक्स अकाउंट पर छह IAS/IPS अफसरों पर के सिलेक्शन पर सवाल उठाया है। इनमें साल 2015 बैच की दृष्टिबाधित (वीआई) दिव्यांगता वाली आईएएस अधिकारी निकिता खंडेलवाल (IAS Nikita Khandelwal) भी शामिल हैं। सांघी ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करके दावा किया गया था कि उन्होंने दृष्टिबाधित होने के बावजूद ड्राइविंग टेस्ट दिया।
सोशल मीडिया यूजर आयुष सांघी के दावे के बाद, निकिता खंडेलवाल ने साफ किया है कि वह निरीक्षण के दौरान आरटीओ ऑफिस गई थीं और एक्स पर पोस्ट किया गया वीडियो उसी की जर्नी का था। उन्होंने कहा कि लोगों को केवल रेंडम दावों को देखकर किसी की दिव्यांगता को जज नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, “अगर यूपीएससी में एक कथित फर्जी सर्टिफिटेक का मामला (पूजा खेड़कर का जिक्र करते हुए) सुर्खियों में आया है तो इसका यह मतलब नहीं है कि लोगों को सभी दिव्यांग लोगों का जज करना चाहिए।
इन अफसरों पर भी उठाए सवाल
IAS अभिषेक सिंह बैच – 2010 (AIR-94) कोटा – जनरल (लोकोमोटिव दिव्यांगता) उनके सोशल मीडिया अकाउंट के मुताबिक वे कई फिल्मों में काम कर रहे हैं, यूट्यूब वीडियो बना रहे हैं, वर्कआउट कर रहे हैं और वे सब कुछ कर रहे हैं जो लोकोमोटिव दिव्यांग नहीं कर सकते।
आसिफ के युसूफ (आईएएस) बैच– 2020 बैच- 2020 (आईएएस) कोटा – ईडब्ल्यूएस वे एक फर्जी ओबीसी एनसीएल सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके एक आईएएस अधिकारी बन गए, और 2020 में सभी जांच के बाद, यह साबित हो गया है कि उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके आईएएस पद हासिल किया था।
प्रियांशु खटी (आईएएस) बैच – 2021 कोटा: जनरल (ऑर्थोपेडिकली हैंडीकैप्ड) उन्हें ओएच (ऑर्थोपेडिकली हैंडीकैप्ड) कैटेगरी के तहत भर्ती किया गया था, और कई लोगों का दावा है कि प्रियांशु पूरी तरह से फिट हैं, जैसा कि सोशल मीडिया पर कई पोस्ट से साफ है।
2021 बैच के आईएएस रवि कुमार सिहाग के ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट पर भी सवाल उठाए. उनका सिलेक्शन साल 2018 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (आईआरटीएस) में हुआ था, फिर 2019 में भारतीय रक्षा लेखा सेवा (आईडीएएस) में, लेकिन फिर वे वर्ष 2021 में ईडब्ल्यूएस कोटे के जरिए आईएएस बन गए।
IPS अंजू बेनीवाल हैं जो राजस्थान के जाट समाज से आते हैं। राजस्थान का जाट समाज आरक्षण में OBC केटेगरी में आता हैं। इनके पिताश्री का नाम संजय बेनीवाल हैं वे भी IPS रह चुके हैं फिर भी इनका #EWS सर्टिफिकेट बना हुआ है और अंजु बेनीवाल का सलेक्शन #Ews केटेगरी से हुआ हैं.? ये सब एक साथ कैसे संभव हैं.?
सोशल मीडिया पर प्रमुख दलित अधिकार कार्यकर्ताओं में से एक मुकेश मोहन ने2021 बैच के आईएएस अधिकारी मोहित कासनिया से पूछा कि उन्होंने आईएएस बनने के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र का उपयोग क्यों किया, जबकि वह पहले से ही दिल्ली पुलिस में एसीपी के पद पर कार्यरत थे और उनके चाचा राजस्थान से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री हैं। मोहन ने ऑर्थोपेडिक रूप से दिव्यांगता प्रमाण पत्र 2019 बैच के आईएएस अधिकारी प्रफुल्ल देसाई द्वारा सोशल मीडिया पर ट्रेकिंग और साइकिलिंग की अपनी तस्वीरें शेयर करने पर भी सवाल उठाया।
IAS की अपील- बेवजह सभी दिव्यांगों को जज न करें
IAS निकिता खंडेलवाल ने मामले में कहा कि यह बिल्कुल ऐसा है जैसे किसी से यह साबित करने के लिए कहा जाए कि आपके पास किड़नी है या नहीं। अगर मेरी दिव्यांगता पर सवाल किया जाएगा तो मैं सभी संबंधित डॉक्यूमेंट्स के साथ अधिकारियों को जवाब दूंगी, लेकिन लोगों को ऐसे दावे नहीं करने चाहिए।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें