प्रतीक चौहान. रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की आईवीजी (इंटरनल विजिलेंस सेल) को लल्लूराम डॉट कॉम की खबर के बाद RPF आईजी ने जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी. जिसके बाद आईवीजी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी और इस मामले में कई आरपीएफ स्टॉफ को मेजर चार्जशिट मिली. लेकिन आईवीजी की इसी जांच पर सवाल उठे, तो टीम ने पुख्ता सबूत के साथ फिर रिपोर्ट पेश की. जिससे पूरे जोन में हड़कंप है और अब दिल्ली से आरपीएफ के डीआईजी इस पूरे मामले की जांच करने रायपुर पहुंचे है.

 दरअसल रायपुर रेलवे स्टेशन में अवैध तरीके से गाड़ियों में चेन लगाकर जुमार्ना वसूलने के मामले खुलासा लल्लूराम डॉट कॉम ने किया था. जिसकी जांच के निर्देश आईजी ने आईवीजी को दिए थे, जिसमें रायपुर पोस्ट के इंस्पेक्टर समेत कई लोगों को चार्जशीट मिली. इसके अलावा ऐसे ही मामलों में कोर्ट का जुर्माना सीधे लेने के मामले में आईवीजी की टीम ने दुर्ग के आरपीएफ सब इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की थी. जिसके बाद और पूरे जोन में हड़कंप मच गया.

 मामला यही नहीं रूका, इसके बाद आईवीजी की टीम द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को नकारते हुए एक इंस्पेक्टर ने पुनः इसकी जांच की, जिसमें उक्त सब इंस्पेक्टर को पूरी तरह निर्दोष बताया गया. इस मामले में उक्त इंस्पेक्टर ने बयान के लिए आईवीजी की टीम को भी बुलाया, लेकिन उच्च अधिकारियों ने उसके जवाब में ये निर्देश दिए कि आईवीजी की जांच रिपोर्ट ही बयान है.

 अब आरपीएफ के पास दो रिपोर्ट थी. एक में सब इंस्पेक्टर को कोर्ट का जुर्माना लेने का आरोपी बताया. वहीं दूसरी रिपोर्ट में निर्दोष बताया गया. चूंकि मामला सब इंस्पेक्टर से जुड़ा था, इसलिए मामला और गंभीर हो गया. इसके बाद आईवीजी ने और पुख्ता प्रमाणों के साथ अपनी रिपोर्ट पेश की.

जिसके बाद निर्दोष बताने वाली रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गए. यही कारण है कि उक्त दोनो रिपोर्ट को आईजी ने मार्क कर दिल्ली भेजा. जिसके बाद डीआईजी के आज रायपुर इस पूरे मामले में जांच करने के लिए आने की चर्चा है.

डीआईजी साहब! एक चर्चा ये भी है

अब बात करते है रायपुर रेल मंडल में तेजी से फैल रही एक चर्चा की. अब चूंकि जांच करने डीआईजी आएंगे तो वे सीधे रायपुर रेल मंडल के कमांडेंट से बयान लेंगे. इसके पीछे की वजह ये बताई जा रही है कि आईजी ने रायपुर रेल मंडल के सुपरविजन को लेकर एक गुप्त चिट्ठी दिल्ली भेजी थी. जिसके बाद ही डीआईजी जांच करने रायपुर आए है. वहीं रायपुर रेल मंडल में इस बात की भी चर्चा है कि पिछले दिनों ट्रांसफर हुए एक अधिकारी को रायपुर रेल मंडल आने में काफी दिलचस्पी है. यही कारण है कि इस रिपोर्ट की आड़ में एक बड़ी कार्रवाई हो जाए, जिससे रायपुर आने की चाह रखने वाले अधिकारी का रास्ता साफ हो जाए. संभवतः यही कारण भी है कि ट्रांसफर होने के बाद भी रायपुर आने के लिए दिलस्पी ले रहे अधिकारी ने अपनी नई जगह ज्वाईनिंग नहीं दी है. इतना ही नहीं उक्त कमांडेंट स्तर के अधिकारी की एक आईजी से अचानक नजदीक आने की भी काफी चर्चा है. खैर… अब सबकी निगाहे डीआईजी की जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई है. (नीचे पढ़े वो खबर, जिसके बाद जांच करने पहुंची है टीम)

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