पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर उबलने लगी है। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी को मौजूदा सरकारी बंगला खाली कर दूसरे आवास में जाने का नोटिस मिलते ही सियासी माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया। नोटिस के बाद उठी राजनीतिक हलचल पर सांसद पप्पू यादव ने सरकार पर निशाना साधा है और पूरे मामले को हिटलरशाही बताते हुए प्रशासन की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं।
यह सिर्फ एक बंगला नहीं, सिस्टम की सोच का आइना
मीडिया से बातचीत में पप्पू यादव ने कहा कि इस फैसले को केवल पूर्व मुख्यमंत्री का घर बदलने का मामला समझना गलत होगा। उन्होंने दावा किया कि हाल के महीनों में गरीबों के घर तोड़े गए छोटे दुकानदारों को तंग किया गया और अब राबड़ी देवी को नोटिस देकर प्रशासन एक खतरनाक संदेश दे रहा है। उनके मुताबिक यह बदले की राजनीति का संकेत है।
भय का माहौल बन रहा है-पप्पू यादव
पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि प्रशासन ऐसा वातावरण बना रहा है जिसमें लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई परिवारों के आशियाने बिना मानवीय संवेदना के गिरा दिए गए और अब राजनीतिक नेताओं को भी निशाना बनाया जा रहा है। आज राबड़ी देवी को नोटिस मिला है कल यह किसी और के साथ भी हो सकता है।
विपक्ष को दबाकर शासन नहीं चलेगा
यादव का कहना है कि यह मुद्दा राजनीति भर नहीं बल्कि जनता के अधिकारों से जुड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आवास आवंटन की प्रक्रिया न्यायपूर्ण और पारदर्शी होनी चाहिए न कि प्रतिशोध से प्रेरित। पप्पू यादव ने यह भी कहा कि वे इस मामले को संसद में जोरदार तरीके से उठाएंगे।
सरकार बताए नियमों का पालन हो रहा है या नहीं
उन्होंने मांग की कि सरकार यह स्पष्ट करे कि राबड़ी देवी को नोटिस किन नियमों के आधार पर दिया गया और क्या राज्य में आवास आवंटन से जुड़ी गाइडलाइनों का सही अनुपालन हो रहा है। जैसे-जैसे पप्पू यादव के तेवर और तीखे होते गए यह मामला राजनीतिक बहस का केंद्र बनता जा रहा है।
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