दिल्ली/पटना। आईआरसीटीसी घोटाला और इससे जुड़े अन्य मामलों में आरोपी बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी द्वारा दायर जज ट्रांसफर अर्जी का केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कड़ा विरोध किया है। यह सुनवाई दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चल रही है। राबड़ी देवी ने मौजूदा स्पेशल जज डॉ. विशाल गोगने के स्थान पर किसी अन्य जज के समक्ष मामलों की सुनवाई कराने की मांग की है। सीबीआई की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डीपी सिंह ने कोर्ट में दलील दी कि आरोपी न्यायपालिका पर सवाल नहीं उठा सकते और न ही बार-बार अदालत या न्यायाधीश बदलने की मांग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जज डॉ. विशाल गोगने न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार ही मामलों की सुनवाई कर रहे हैं और उन पर पक्षपात का आरोप निराधार है।

सीबीआई ने यह भी कहा कि इस तरह की अर्जियां न्यायिक प्रक्रिया पर दबाव बनाने का प्रयास हैं। राबड़ी देवी की ट्रांसफर अर्जी पर राऊज एवेन्यू कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश भट्ट सुनवाई कर रहे हैं। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 15 दिसंबर तय की है।

राबड़ी देवी का आरोप

राबड़ी देवी ने अपनी अर्जी में कहा है कि मौजूदा जज के समक्ष उन्हें निष्पक्ष सुनवाई की उम्मीद नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जज डॉ. विशाल गोगने पूर्वाग्रह के साथ मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। उन्होंने IRCTC घोटाला, कथित नौकरी के बदले नकदी मामला और उनसे जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की कार्यवाही समेत चार मामलों के ट्रांसफर की मांग की है।

IRCTC घोटाले की पृष्ठभूमि

IRCTC घोटाला वर्ष 2004 का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। उस दौरान रेलवे की केटरिंग और होटलों की जिम्मेदारी IRCTC को सौंपी गई थी। रांची और पुरी स्थित बीएनआर होटलों के टेंडर में अनियमितताओं के आरोप सामने आए। इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी तेजस्वी यादव सहित कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।