रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. बछरावां कोतवाली क्षेत्र के कन्नावां गांव में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति खंडित होने की घटना से उपजे आक्रोश के बीच अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने आक्रोशित ग्रामीणों और अंबेडकर अनुयायियों से मुलाकात कर संविता दी और मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषियों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्रवाई की मांग की.

स्वामी प्रसाद मौर्या ने मौके पर पहुंचकर सबसे पहले खंडित प्रतिमा का निरीक्षण किया. इसके बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि यह घटना न केवल दलित समाज का अपमान है, बल्कि संविधान के रचयिता पर हमला है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मात्र दो हफ्ते पहले की गई अंबेडकर प्रतिमाओं की सुरक्षा व्यवस्था की घोषणा को याद दिलाते हुए इसे सरकार की नाकामी करार दिया.

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मौर्या ने कहा “सीएम की घोषणा के बावजूद ऐसी घटना होना कानून-व्यवस्था की पोल खोलता है. असामाजिक तत्वों को खुली छूट मिली हुई है, जो जातिवादी मानसिकता से प्रेरित होकर ऐसे कायरतापूर्ण कृत्य कर रहे हैं. मौर्या ने जिला प्रशासन और पुलिस से अपील की है कि नई प्रतिमा की शीघ्र स्थापना सुनिश्चित की जाए और दोषियों की गिरफ्तारी हो. इस दौरान मौके पर भारी संख्या में अंबेडकर अनुयायी और कार्यकर्ता जमा हो गए, जिन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या के आने पर जोरदार नारे लगाए. हालांकि जिला प्रशासन मौके की गंभीरता को समझते हुए आनन-फानन रात में मूर्ति को लगवा दी. तब जाकर कहीं मामला शांत हुआ. हालांकि अभी तक कोई दोषी पुलिस के हाथ नहीं लगा है.