रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली. डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के रामपुर बरारा गांव में स्थित प्राचीन जानकी शरण मंदिर (राम जानकी मंदिर) से 13 दिसंबर 2025 की रात चोरी हुई. भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की करीब 200 वर्ष पुरानी अष्टधातु की बेशकीमती मूर्तियों को चोर ले उड़े थे. जिसे पुलिस ने सफलतापूर्वक बरामद कर लिया है. इन मूर्तियों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत कई करोड़ रुपये आंकी जा रही है. चोरी की इस सनसनीखेज वारदात का मास्टरमाइंड मंदिर के पास ही रहने वाला अमन यादव निकला. जो खुद को एक दैनिक अखबार का पत्रकार बताता है. अमन यादव ने अपने साथियों अभिषेक यादव, आयुष त्रिवेदी और शशांक के साथ मिलकर यह चोरी की साजिश रची थी. पुलिस ने चारों आरोपियों को मूर्तियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के पास से चोरी में इस्तेमाल एक बाइक और 30 हजार रुपये नगद भी बरामद हुए हैं.
पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि चोरी के बाद आरोपियों ने मूर्तियों को सुरक्षित रखने के लिए अमन यादव के मुर्गी फार्म में जमीन के नीचे गाड़ दिया था, ताकि किसी को शक न हो. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कथित पत्रकार अमन यादव ने पुलिस जांच को गुमराह करने के लिए चोरी की खबर खुद ही अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित कराई थी.
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आरोपियों की योजना इन प्राचीन अष्टधातु मूर्तियों को गुजरात ले जाकर करोड़ों रुपये में बेचने की थी, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके. एसओजी और सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में सूचना के आधार पर छापेमारी कर मूर्तियां बरामद की गईं. पुलिस का कहना है कि यह एक सुनियोजित साजिश थी. बरामद मूर्तियों को जल्द ही पुनः मंदिर में विधि-विधान से स्थापित कराया जाएगा. मामले की जांच जारी है और आरोपियों से पूछताछ में और खुलासे होने की संभावना है.
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