नई दिल्ली. राफेल विमान को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी लोकसभा में इस मुद्दे को लेकर घमासान मचा रहा. कांग्रेस के सांसदों ने पूर्व की तरह राफेल विमान सौदे की जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) से कराने की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया. स्थिति को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने सोमवार तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया.

राफेल डील की कोर्ट की निगरानी में SIT जांच की मांग करने वाली चार याचिकाओं पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने अपना फैसला सुना दिया. देश की सबसे बड़ी अदालत ने फ्रांस के साथ हुए 36 लड़ाकू राफेल विमान खरीदने को लेकर अपनाई गई प्रक्रिया को सही ठहराया और कहा कि कीमत तय करना उसका काम नहीं है. राफेल डील की गुणवतता पर सवाल नहीं.

लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों ने अपना हंमागा जारी रखा. सदन में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर राफेल विमान सौदे को लेकर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए सदन और देश से क्षमा मांगने की बात कही. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राफेल विमान सौदे अनेकों परतें है, भ्रष्टाचार की अनेको परतें हैं, जिसकी जांच जेपीसी के माध्यम से ही हो सकती है.

वहीं राफेल विमान सौदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाले प्रशांत भूषण ने तीन जजों की पीठ के फैसलो को ही गलत ठहराते हुए कहा कि एयरफोर्स ने कभी कहा है कि 36 राफेल चाहिए. एयरफोर्स से बिना पूछे मोदी जी ने फ्रांस में जाकर समझौता कर लिया इसके बाद तय कीमत से ज्यादा पैसा दे दिया. इसके बाद कोर्ट में कीमतों पर सीलबंद रिपोर्ट दे दी जिसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने मामले में रिव्यू पीटिशन दाखिल करने पर भी विचार करने की बात कही.