नई दिल्ली। आखिरकार दशकों के इंतजार के बाद भारत को नई पीड़ी के लड़ाकू विमान के तौर पर राफेल मिल गए हैं. फ्रांस से सोमवार को उड़ान भरने के बाद बुधवार को अंबाला एयरबेस में उतरने पर इन विमानों को वाटर सैल्यूट दिया गया. नए विमानों के भारतीय वायुसेना में शामिल होने को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सैन्य इतिहास में नए युग की शुरुआत बताया है.
यूएई के अल दफरा एयर बेस से आज सुबह उड़ान भरने के साथ विमानों ने पश्चिमी अरब सागर में तैनात भारतीय नौसेना के युद्धक पोत आईएऩएस कोलकाता से संपर्क किया. युद्धक पोत ने रेडियो के जरिए हिन्द महासागर में स्वागत करते हुए आप आसमान में शौर्य की ऊंचाई को छूने की बात कहते सुना गया. यूएई के अल-दफरा एयरबेस से उड़ान भरने के बाद दोपहर करीबन तीन बजे एक के बाद एक पांचों राफेल विमान अंबाला एयरबेस में उतरे, जहां फायर ब्रिगेड की ओर से वाटर सैल्यूट दिया गया. राफेल के अंबाला एयरबेस में उतरने के साथ औपचारिक तौर पर भारतीय वायु सेना में शामिल किया जाएगा.
बता दें कि दक्षिण पश्चिम फ्रांस में स्थित मरिग्नाक से सोमवार को उड़ान भरने के बाद बीच हवा में ईंधन भरने के बाद यूएई के अल-दफरा एयरबेस में विश्राम के लिए रूका था, जहां से आज सुबह फिर अपने घर अंबाला एयरबेस के लिए उड़ान भरी. मरिग्नाक से अंबाला तक विमानों ने सात हजार किलोमीटर का सफर तय किया.
The Touchdown of Rafale at Ambala. pic.twitter.com/e3OFQa1bZY
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 29, 2020