हेमंत शर्मा, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) में सामने आए रैगिंग मामले ने नया मोड़ ले लिया है। एंटी रैगिंग कमेटी की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीनियर छात्रों ने फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स पर दबाव डालकर उनसे फेक आईडी बनवाने, सोशल मीडिया पोस्ट वायरल करने और नेपाल में हुए जेन-जी स्टाइल प्रोटेस्ट की तर्ज पर विरोध की तैयारी करने को कहा था।

दो ट्विटर अकाउंट बनाने और मैसेज रीट्वीट करने कहा

जांच में सामने आया कि फर्स्ट ईयर छात्रों को जबरन कम से कम दो ट्विटर अकाउंट बनाने और सभी सीनियर्स के मैसेज रीट्वीट करने के लिए कहा गया। इतना ही नहीं, सीनियर्स ने चेतावनी दी थी कि अगर इंस्ट्रक्शन नहीं माने तो बैच आउट करने की धमकी दी जाएगी। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसागर रेस्टोरेंट में हुई मीटिंग में प्रथम वर्ष के छात्रों से उनके पर्सनल जीमेल के अलावा फेक जीमेल और ट्विटर अकाउंट भी खुलवाए गए। सीनियर छात्र अमन पटेल के कहने पर फर्स्ट ईयर स्टूडेंट विवेक शर्मा ने सभी से संबंधित व्हाट्सएप मैसेज डिलीट भी करवाए।

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विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय

रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि प्रथम वर्ष का एक अलग “सीनियर इंट्रोडक्शन” नाम का ग्रुप बनाया गया था, जिसमें छात्रों पर दबाव डाला जा रहा था। इस पूरे प्रकरण में अमन पटेल के अलावा आदर्श मकवाना, आदित्य शर्मा, सुनील अहिरवार, नमन पांडे, यशश्वी मिश्रा, धवल चौधरी समेत कई सीनियर छात्र शामिल पाए गए। एंटी रैगिंग कमेटी की इस रिपोर्ट से साफ है कि IET में मामला सिर्फ रैगिंग का नहीं बल्कि सीनियर्स की संगठित प्लानिंग का भी है, जो विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

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