कुंदन कुमार/पटना। राघोपुर विधानसभा सीट इस बार बिहार विधानसभा चुनावों में सुर्खियों में है, क्योंकि यहां नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव सीधे मुकाबले में हैं। उनके सामने एनडीए के प्रत्याशी सतीश कुमार हैं। ऐसे में एनडीए को राघोपुर में मजबूत करने के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति तेज कर दी है।

राकेश रोशन ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की

आज राघोपुर में एक बड़ा राजनीतिक बदलाव देखने को मिला। लोजपा के पूर्व नेता और 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा के टिकट पर राघोपुर से चुनाव लड़ चुके राकेश रोशन ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। सदस्यता लेने के बाद दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह कदम एनडीए की राघोपुर में जीत को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि बीजेपी और एनडीए गठबंधन पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेंगे और राघोपुर में अपनी पकड़ मजबूत करेंगे।

मतदाताओं तक अपनी रणनीति पहुंचा रही

बीजेपी इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील और जनसभाओं के माध्यम से मतदाताओं तक अपनी रणनीति पहुंचा रही है। प्रधानमंत्री मोदी आगामी दिनों में आरा, बक्सर और नवादा में बड़ी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। इसके अलावा वे रामधारी सिंह दिनकर चौक से गांधी मैदान तक रोड शो करेंगे, जिसमें जनता का अभिवादन भी लिया जाएगा। इस रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री स्थानीय उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने और एनडीए सरकार को फिर से सत्ता में लाने के लिए जनता से समर्थन की अपील करेंगे।

महिलाओं के साथ संवाद करेंगे

इसके अलावा 4 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑडियो के माध्यम से महिलाओं के साथ संवाद करेंगे। इस संवाद में मोदी महिलाओं से सीधे बात करेंगे और उन्हें एनडीए की नीतियों और सरकार के कामकाज से अवगत कराएंगे। उनका लक्ष्य महिलाओं को चुनावी महत्व के बारे में जागरूक करना और एनडीए को फिर से सत्ता में लाने के लिए समर्थन जुटाना है।

इस बार मुकाबला बेहद रोचक

राघोपुर विधानसभा सीट इस बार विशेष रूप से महत्व रखती है। तेजस्वी यादव का प्रभाव और एनडीए के प्रत्याशी सतीश कुमार के बीच सीधा मुकाबला इस क्षेत्र के मतदाताओं के मनोबल और चुनावी परिणाम पर सीधा असर डाल सकता है। बीजेपी की यह रणनीति कि स्थानीय और पहले से सक्रिय नेताओं को जोड़कर अपनी ताकत बढ़ाई जाए, इस सीट पर उनकी पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है।
राघोपुर विधानसभा में हुए इस राजनीतिक बदलाव और बीजेपी की रणनीति से यह साफ है कि एनडीए इस सीट को अपने लिए महत्वपूर्ण मान रहा है। पार्टी ने नई ताकतों को जोड़कर और प्रधानमंत्री की सक्रिय भागीदारी से चुनावी मैदान में मजबूती से उतरने की तैयारी कर ली है। ऐसे में राघोपुर सीट पर इस बार मुकाबला बेहद रोचक और निर्णायक साबित हो सकता है।