Rahu-Ketu Gochar 2025: 18 मई को राहु और केतु राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु और केतु के गोचर को ‘छाया ग्रहों का गोचर’ कहा जाता है, जो व्यक्ति के जीवन के कई क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है. कुछ राशियों के लिए यह बदलाव आर्थिक हानि, मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आ सकता है. विशेष रूप से मिथुन, कन्या, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों को सावधानी बरतनी चाहिए.
ऐसे में इन अशुभ प्रभावों से बचने के लिए 20 मई को पड़ने वाली काल भैरव अष्टमी का विशेष महत्व है. इस दिन किए गए कुछ सरल उपाय राहु-केतु के गोचर से उत्पन्न संभावित समस्याओं से राहत दिला सकते हैं. यह दिन भगवान भैरव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि भगवान काल भैरव राहु और केतु जैसे ग्रहों के दुष्प्रभाव को शांत करने में सक्षम हैं.
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राहु-केतु के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय (Rahu-Ketu Gochar 2025)
- प्रातः स्नान के बाद काले रंग के वस्त्र धारण करें और भगवान भैरव को गुड़ तथा सरसों का तेल अर्पित करें.
- किसी भैरव मंदिर में जाकर “ॐ भैरवाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें.
- काले कुत्ते को भोजन कराएं — यह राहु दोष को शांत करने के लिए विशेष रूप से प्रभावी उपाय माना गया है.
- रात्रि को सरसों के तेल का दीपक जलाएं और भैरव चालीसा का पाठ करें.
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