18 मई को राहु ने मीन और केतु ने कन्या राशि में प्रवेश किया है. इन छाया ग्रहों का यह गोचर अगले 18 महीनों तक राशियों पर प्रभाव डालेगा. विशेष तौर पर मिथुन, कन्या, मीन, धनु, वृषभ और सिंह राशि वालों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. जिन जातकों की कुंडली में राहु-केतु अशुभ भावों में हैं या कालसर्प दोष है, उनके लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

इस बदलाव के बीच 27 मई 2025 (मंगलवार) को पड़ रही ज्येष्ठ अमावस्या एक शुभ अवसर है. इस दिन राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति और पितृ दोष निवारण के लिए विशेष उपाय किए जा सकते हैं.
ज्येष्ठ अमावस्या के विशेष उपाय
राहु-केतु शांति मंत्रों का जाप करें
राहु मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
केतु मंत्र: ॐ स्ट्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः
काले वस्त्रों और वस्तुओं का दान
काले तिल, उड़द, काले कपड़े और लोहे का दान करें.
नाग देवता की पूजा
नाग प्रतिमा को दूध व जल चढ़ाएं, पितृ शांति के लिए भी लाभकारी.
हनुमान जी की उपासना
हनुमान चालीसा का पाठ करें, सिंदूर व चमेली का तेल चढ़ाएं.
पितृ तर्पण व पिंडदान
काले तिल, जल और कुशा से पिंडदान करें. पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं.
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