Rahul Gandhi And Priyanka Gandhi: लोकसभा चुनाव-2024 में आई 99 सीट ने कांग्रेस (Congress) को संजीवनी देने का काम किया है। लोकसभा नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर प्रहार कर रहे हैं। देशभर में लगातार जमीन तैयार राहुल गांधी लगातार भ्रमण कर रहे हैं। कभी वह मणिपुर जा रहे हैं तो कभी हाथरस।असम में बाढ़ पीड़ितों से जाकर मिल रहे। वहीं अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली का दो बार दौरा कर चुके हैं। अब उनकी इस राजनीति धार को तेज करने के लिए उनकी बहन प्रियंका गांधी भी वायनाड (Wayanad) लोकसभा उपचुनाव के बाद मैदान में कूदने को तैयार बैठी हैं। इसे देखते हुए राजनीतिक पंडित उत्तर से लेकर दक्षिण तक BJP को घेरने के लिए ‘भाई-बहन’ वाला प्लान करार दिया है।
राहुल गांधी एक बार फिर से रायबरेली जा सकते हैं। ऐेसे में राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यूपी में कांग्रेस को दोबारा जिंदा करने की जिम्मेदारी राहुल गांधी ने उठा ली है। पहले यूपी की जिम्मेदारी प्रियंका के कंधों पर थी, लेकिन अब उन्हें वायनाड से चुनाव लड़ने का जिम्मा सौंपा गया है। मतलब एक पास है उत्तर तो दूसरे के पास है दक्षिण। कांग्रेस की भाई-बहन की जोड़ी ने बीजेपी की मुश्किल बढ़ा दी है।
दरअसल, राहुल ने हाल ही में रायबरेली का दौरा किया, जहां उन्होंने एम्स पहुंचकर मरीजों का हाल चाल लिया। उन्होंने न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में एक 10 साल की बच्ची के साथ लूडो भी खेला। राहुल के यूपी दौरे को लेकर कहा जा रहा है कि वह अब ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वह इस राज्य को लेकर बेहद गंभीर हैं। राहुल के इस तरह के दौरों से पार्टी को यूपी में मजबूती मिलने वाली है। यही वजह है कि राहुल ने वायनाड को छोड़कर रायबरेली सीट को अपनी संसदीय सीट के तौर पर चुना।
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हालांकि, राहुल गांधी की असली अग्निपरीक्षा यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव हैं। इससे ये पता चलने वाला है कि राहुल के यूपी से सांसद बनने के बाद पार्टी यहां पर कितनी मजबूत हुई है। हालांकि, कोई भी इस बात से इनकार नहीं कर सकता है कि यूपी में कांग्रेस को मजबूत करने का काम प्रियंका गांधी ने किया है। उन्होंने रायबरेली में नौ दिन और अमेठी में सात दिन चुनाव प्रचार किया था।
दक्षिण भारत के लिए मजबूत पिलर के तौर पर तैयार करना
कांग्रेस की रणनीति के मुताबिक प्रियंका गांधी को अब दक्षिण भारत के लिए मजबूत पिलर के तौर पर तैयार किया जा रहा है। इसी तैयारी में प्रियंका गांधी को अब राहुल गांधी के बाद वायनाड सीट से चुनाव लड़ाने की पूरी तैयारी है। इस तैयारी का इशारा राहुल गांधी ने रायबरेली में आयोजित आभार कार्यक्रम के दौरान कर दिया है। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि जल्द ही राहुल गांधी वायनाड से इस्तीफा देंगे। उसके बाद प्रियंका के लिए तैयार ‘प्लान’ को आगे बढ़ाया जाएगा।
यूपी में खोई जमीन पाने की उम्मीद
इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में छह सीटें जीतीं है। वहीं इंडिया ब्लॉक ने यूपी में 43 सीटें जीतीं, जिनमें से 37 समाजवादी पार्टी ने जीतीं है। जबकि 2019 में कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में सिर्फ रायबरेली सीट ही जीत पाई थी। एनडीए सिर्फ 36 सीटें जीतने में कामयाब रही। वोट शेयर के मामले में सबसे बड़ी हार मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को हुई। इसका वोट शेयर 19% से घटकर 9% रह गया। ये पूरा सिनेरियो वोट शेयर का है। इस चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर तो 2019 की तरह ही मिला। वही बसपा का वोट शेयर समाजवादी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस को भी मिले। अगर एसपी ने बीएसपी के वोट शेयर का 6-7% हासिल किया, तो कांग्रेस को 2-3% का फायदा हुआ है।
हार्टलैंड के नौ प्रमुख राज्यों में प्रदर्शन सुधारना
दिल जीतने के लिए कांग्रेस को हार्टलैंड जीतना होगा। यहीं पर उसे अकेले और क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ गठबंधन में भाजपा से मुकाबला करना होगा। हार्टलैंड के नौ प्रमुख राज्यों में कांग्रेस को अपना प्रदर्शन सुधारना होगा, क्योंकि लोकसभा की 543 में से 218 सांसद इन्हीं 9 राज्यों से पहुंचते हैं। कांग्रेस ने इस बार उत्तर प्रदेश के अलावा हरियाणा और राजस्थान में भी बेहतर प्रदर्शन किया है। कांग्रेस हिंदी पट्टी में अपनी संभावनाएं तलाश रही है और इसीलिए राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश से आगे बढ़ाया जा रहा है।
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