Dashrath Manjhi House: बिहार के गयाजी जिले के गहलौर गांव में पहाड़ काटकर रास्ता बनाने वाले माउंटेन मैन दशरथ मांझी की कहानी देशभर में प्रेरणा का स्रोत रही है। अब दशरथ मांझी के बेटे भागीरथ मांझी की जिंदगी में भी बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके लिए पक्का मकान बनवाने की पहल की है, और निर्माण कार्य तेज़ी से जारी है।

कच्चे मकान में रह रहा था परिवार

दशरथ मांझी का परिवार आज भी मिट्टी और फूस के बने कच्चे घर में रह रहा था। भागीरथ मांझी ने बताया कि उन्होंने कई बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से पक्के मकान के लिए गुहार लगाई थी। हालांकि, उन्हें सिर्फ 20 हजार रुपये की सहायता आवास योजना के तहत मिली, जिससे मकान बनाना संभव नहीं था।

राहुल गांधी ने निभाया वादा

भागीरथ मांझी ने बताया कि वे राहुल गांधी से केवल एक बार मिले थे। उसी मुलाकात के बाद राहुल गांधी खुद गहलौर गांव पहुंचे, दशरथ मांझी के स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके पुराने मिट्टी के घर में बैठकर मांझी परिवार से मुलाकात की। उसी समय राहुल गांधी ने पक्का मकान बनवाने का वादा किया था, जिसे अब वे पूरा कर रहे हैं।

चार कमरों वाला बन रहा है पक्का मकान

राहुल गांधी की पहल पर दशरथ मांझी के परिवार के लिए चार कमरों वाला पक्का मकान बन रहा है। भागीरथ मांझी ने बताया कि मकान निर्माण के लिए बाहर से मिस्त्री और मजदूर बुलाए गए हैं और निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। उन्होंने यह भी इच्छा जताई कि मकान पूरा होने के बाद गृह प्रवेश कार्यक्रम का उद्घाटन खुद राहुल गांधी करें।

दलित वोट बैंक पर नजर?

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राहुल गांधी की यह पहल दलित समुदाय के बीच कांग्रेस की पकड़ मजबूत करने की रणनीति भी हो सकती है।

दशरथ मांझी एक मिसाल

दशरथ मांझी ने 1960 से 1982 के बीच करीब 22 सालों तक लगातार मेहनत कर सिर्फ हथौड़े और छैनी से पहाड़ काटकर रास्ता बनाया था। यह रास्ता 360 फीट लंबा, 30 फीट चौड़ा और 25 फीट ऊंचा है। उनका संघर्ष आज भी लोगों के लिए प्रेरणा है। अब उनके बेटे को मिल रहा सम्मान, दशरथ मांझी की विरासत को आगे बढ़ा रहा है।

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