Modi Surname Case: मोदी सरनेम मामले (Modi Surname Case) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का बड़ा फैसला सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले में गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) के फैसले पर रोक लगा दिया है. ये फैसला राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस पार्टी के लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है. इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल कर दी जाएगी. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि, राहुल संसद के मानसून सत्र से ही हिस्सा ले सकते हैं. वहीं कोर्ट से राहत मिलने के बाद कांग्रेस ने 2 ट्वीट कर कहा, यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है. सत्यमेव जयते – जय हिंद. आ रहा हूं… सवाल जारी रहेंगे.
बता दें कि, मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि, इस केस में राहुल गांधी को अधिकत्तम सजा दी गई है. ट्रायल कोर्ट के जज ने अपने आदेश में साफ नहीं किया कि अधिकतम सजा ही देने की जरूरत क्या है. जज को साफ करना चाहिए था कि अधिकतम सजा देने की वजह क्या है. कोर्ट का मानना है कि अगर जज ने एक साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी अयोग्य नहीं ठहराए जाते. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि, राहुल का बयान ठीक नहीं था. सार्वजनिक जीवन में होने के चलते राहुल से और ज्यादा जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है.
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, हमारे सम्माननीय नेता श्री राहुल गांधी जी को सुप्रीम कोर्ट से न्यायिक राहत मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएँ. सत्य सदैव उज्ज्वल रहे.
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, अंधकार चाहे भारी हो और समंदर पार हो, सदा उजाला विजित हुआ है, अगर सत्य आधार हो. राहुल गांधी जी की सजा पर रोक का सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भारत स्वागत करता है. सत्यमेव जयते! यह INDIA की जीत है.
ये है मामला
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है?’ इसे लेकर बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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