कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में अपने भाषण के कुछ हिस्सों को कार्यवाही से हटाने के खिलाफ स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी. उन्होंने कहा मेरे विचारों को कार्यवाही से हटाना संसदीय लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है. ऐसे में मेरे भाषण के हटा दिए गए हिस्सों को फिर से बहाल किया जाना चाहिए. 

राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिख कर अपने भाषण का हिस्सा रिकॉर्ड से हटाए जाने पर हैरानी जताई है. साथ ही भेदभाव का आरोप भी लगाया है. राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने सारी बातें नियम के अंतर्गत कही फिर भी उनके हिस्से को हटाया गया जबकि अनुराग ठाकुर के भाषण के हिस्से को नहीं हटाया गया. उन्होंने लिखा, “इस संदर्भ में मैं अनुराग ठाकुर के भाषण की ओर भी ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ, जिनका भाषण आरोपों से भरा था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से केवल एक शब्द हटाया गया है! आपके प्रति सम्मान के साथ, इस तरह चुनकर शब्दों को हटाना तर्कों के इतर है.”

राहुल गांधी ने क्या कहा?

राहुल गांधी ने कहा कि मैंने सदन में सच्चाई रखी. हर सांसद का अधिकार है कि वो संसद में लोगों से जुड़े मुद्दे उठाए. इसको ध्यान में रखते हुए ही मैंने अपना भाषण दिया था. उन्होंने आज सुबह भी कहा कि PM नरेंद्र मोदी की दुनिया में सच्चाई को मिटाया जा सकता है, हकीकत में नहीं. वहीं, BJP ने राहुल गांधी के लेटर लिखने पर पलटवार किया है.

लोकसभा में कल राहुल गांधी के हिंदू वाले बयान के बाद घमासान मचा हुआ है. सरकार ने राहुल गांधी के बयान को हिंदुओं का अपमान बताया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि कांग्रेस के बड़े नेता भी इस बयान से असहमत हैं. इनमें मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज लक्ष्मण सिंह भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, “ मुझे लगता है कि खड़गे जी को इसकी जानकारी ले कर राहुल गांधी से इस्तीफे की मांग करनी चाहिए.”