रायपुर. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने किसान के मसले पर एक प्रेस कांफ्रेस की. इसमें उन्होंने 5.26 सेकेंड अपनी बात अंग्रेजी में और 2 मिनट 5 सेकेंड तक हिंदी में रखी. लेकिन उन्होंने 31 मिनट 21 सेकेंड तक पत्रकारों के सवाल के जवाब दिए. ये सवाल सिर्फ खेती-किसानी को लेकर नहीं थे बल्कि देश और दुनिया के मौजूदा हालात के हर पहलू से जुड़े थे. राहुल गांधी ने हर सवाल का जवाब दिया. पूरी बेबाकी और विस्तार से.
राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि देश के 4-5 लोग नए मालिक हैं. उन्होंने कहा कि देश के हर औद्योगिक क्षेत्र में 4-5 लोगों का एकाधिकार बन रहा है. उन्होंने कहा कि आज तक कृषि में ये एकाधिकार नहीं था. खेतों का फायदा किसानों, मजदूरों मध्यवर्ग और गरीबों को होता था. ये एक पूरा ढांचा था जो इनकी रक्षा करता था. जिसमें मंडियां, आवश्यक वस्तु अधिनियम और कानूनी व्यवस्था शामिल थी. केंद्र सरकार के तीनों नए कानून खेती की स्थिति को आज़ादी से पहले की करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 4-5 लोगों के हाथों में खेती का पूरा ढांचा दिया जा रहा है.
‘किसान अपनी नहीं हमारी रक्षा कर रहे हैं’
राहुल गांधी ने कहा कि आंदोलनरत किसान अपनी रक्षा नहीं कर रहे हैं बल्कि वे हमारी रक्षा कर रहे हैं वे हमारे भोजन की रक्षा कर रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि ये बात मध्य वर्ग और युवाओं को समझना होगा और किसानों को पूरा समर्थन देना होगा.
‘किसान देश के प्रधानमंत्री से ज़्यादा समझदार हैं’
उन्होंने कई दौर की बातचीत बेनतीजा होने पर हुए सवाल का जवाब दिया. राहुल गांधी ने कहा कि सरकार समझती है कि वो किसानों को थका जा सकता है. लेकिन किसानों को ना थकाया जा सकता है ना ही बेवकूफ बनाया जा सकता है. किसान देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा होशियार है. उन्हें प्रधानमंत्री से ज़्यादा समझ है. राहुल गांधी ने कहा कि किसानों को पता है कि क्या हो रहा है, क्या नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि इसका एक ही समाधान निकलेगा. तीनों कानूनों को वापिस लेना होगा. इसका कोई और समाधान नहीं है.
एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि किसान आंदोलन किसानों का स्पेस है. उनके स्पेस का कांग्रेस सम्मान करती है. राहुल गांधी ने कहा कि ये बात समझनी होगी कि ये मुद्दा किसानों के बारे में नहीं है बल्कि ये देश में बड़े पैमाने पर हो रहे एकाधिकार की प्रवृत्ति को लेकर है. उन्होंने पूछा कि व्यापार का एक क्षेत्र बताएं जहां इन पांच-छह लोगों की मोनोपोली ना हो. उन्होंने कहा कि कैसे भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे अच्छे प्रदर्शन से सबसे खराब प्रदर्शन वाली हो गई.
‘कृषि कानून एक प्रक्रिया का हिस्सा है’
राहुल गांधी ने कहा कि कृषि के तीनों नए कानून एक प्रक्रिया का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को पहले से देखने की जरुरत है. मोदी के भूृ-अधिग्रहण कानून में बदलाव की कोशिश, उनके बोनस नहीं देने के फैसले और न्यूनतम समर्थन मूल्य में सही कीमत नहीं देना इसकी कड़ियां हैं. राहुल गांधी ने कहा कि आस्ते-आस्ते मोदी और बीजेपी किसान को कमज़ोर करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर किसान कमजोर होगा तो लड़ नहीं पाएगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार का लक्ष्य है कि हिंदुस्तान के किसान खत्म हो जाएं. राहुल गांधी ने आरोप लगाए कि मोदी कृषि तंत्र को अपने तीन-चार मित्रों को देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनका काम किसानों की रक्षा करना है.