रायपुर. किसानों को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में जब राहुल गांधी से चीन को लेकर सवाल पूछे गए तो राहुल गांधी ने कहा कि चीन एक रणनीतिक दृष्टिकोण से काम कर रहा है. वो भारत की समस्या देख और समझ रहा है. वो दुनिया को अपने हिसाब से बदलना चाहता है. लेकिन हिंदुस्तान के पास कोई रणनीतिक दृष्टिकोण नहीं है. उन्होने कहा कि हिंदुस्तान कभी ये करता है, कभी वो करता है. रणनीतिक दृष्टिकोण युक्त काम नहीं करता है.

राहुल गांधी ने कहा कि चीन ने भारत को दो बार आज़माया है. एक बार डोकलाम में. दूसरी बार लद्दाख में उसने अपनी सेना भेजकर देखा है. वो जांच रहा है. राहुल गांधी ने कहा कि चीन को लेकर भारत ने साफ-साफ रणनीति नहीं बनाई तो वो चुप नहीं बैठेगा. राहुल गांधी ने कहा चाहे वो मिलिट्री  रणनीति हो या आर्थिक रणनीति या फिर भौगोलिक-राजनीतिक रणनीति. चीन के खिलाफ ठोस रणनीति बनानी पड़ेगी.

उन्होने कहा कि अगर चीन के खिलाफ ठोस रणनीति नहीं बनाया जाएगा तो चीन इसका फायदा उठाएगा और जब वो फायदा उठाएगा तो उसे रोका नहीं जा सकेगा. उन्होने कहा कि सरकार को लगता है कि चीन को इवेंट करके मैनेज कर सकते हो. ये गलतफहमी है.

राहुल गांधी ने कहा कि चीन का मसला एक इवेंट नहीं है. ये प्रक्रिया है. राहुल गांधी ने कहा कि वे पढ़ते हैं सोच समझकर बोलते हैं. उन्होंने कहा कि खतरनाक स्थिति बन रही है. राहुल गांधी ने कहा कि चीन प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है जिसके लिए वो रणनीति बनाकर काम कर रहा है. राहुल ने चीन का सवाल उठाने पर बीजेपी नेताओं द्वारा उनकी आलोचना करने पर कहा कि आपको शब्दों से कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है. आपका काम हिंदुस्तान की रक्षा करने का है जो आप नहीं कर रहे हो. राहुल गांधी ने कहा कि इसका नतीजा नतीजा हिंदुस्तान को देखने को मिलेगा.

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार हकीकत से मुंह नहीं मोड़ सकती. इसलिए मैं सचेत कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि ये बदलाव का समय है. राष्ट्रीय नेतृत्व को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.