पाटन, गुजरात. सधे हुए शब्दों के इस्तेमाल से बेदह गंभीरता के साथ राहुल गांधी ने देश के सबसे बड़े उद्योगपति परिवार को बड़ी डील दिलाने को लेकर पीएम मोदी को कटघरे में खड़ा कर दिया. राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर पीएम मोदी से पूछा है कि जब एचएएल सरकारी कंपनी थी तो राफेल डील में अनिल अंबानी को पार्टनर क्यों बनाया. जबकि अनिल अंबानी 45 हज़ार करोड़ के कर्जदार हैं. उन्होंने कहा कि ये निर्णय सिर्फ मोदी का था. उन्होंने कहा कि अनिल अंबानी ने अपनी जिंदगी में एक हवाई जहाज़ नहीं बनाया जबकि एचएएल 70 साल से हवाई जहाज़ बना रही है.
वे राफेल डील को लेकर मोदी से लगातार तीन सवाल पूछ रहे हैं. इस मामले में पहली बार उन्होंने अनिल अंबानी का नाम लिया है. राहुल गांधी अपने भाषण में आत्मविश्वास से लबरेज नज़र आ रहे थे. उन्होंने पूछा कि आपने राफेल डील से पहले कैबिनेट ऑन सेक्योरिटी कमेटी से अनुमति क्यों नहीं ली. उन्होंने कहा कि मोदी ने इन सवालों के जवाब अब तक नहीं दिया.
राहुल ने कहा कि इस पूरे चुनाव में नरेन्द्र मोदी जी ने भ्रष्टाचार की बात नहीं की क्योंकि अमित शाह के बेटे की कंपनी ने 50 हजार रुपये को 3 महीने में 80 करोड़ रुपये में बदल दिया
उन्होंने कहा कि नवंबर में संसद सत्र शुरु हो जाता है. लेकिन इस बार नहीं हुआ है. राफेल और जयशाह के मामले से मोदी डरे हुए हैं. इसलिए संसद को उन्होंने नहीं चलने दिया. उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव से पहले संसद शुरु नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सच्चाई से कोई बच नहीं सकता. जैसे मोदी को सच्चाई ने चुनाव में घेरा. वैसे ही राफेल का मामला और जयशाह के मामले से मोदी बच नहीं सकते. चाहे कुछ भी कर लें. भले ही वो अपने भाषणों में भ्रष्टाचार शब्द का भी इस्तेमाल ना करें. नरेंद्र मोदी अब नहीं बच सकते.