रायपुर. कांग्रेस और बीजेपी के लिए बेदह अहम कर्नाटक के प्रचार में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार से कूद जाएंगे. शुरुआत बेल्लारी जिले की विजयनगर विधानसभा सीट से करेंगे. ये वो सीट है जहां से उनकी मां सोनिया गांधी ने अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था.
साल 1999 में उनकी मां सोनिया गांधी कांग्रेस की नवनिर्वाचित अध्यक्ष बनी थी. इसके बाद उन्होंने बेल्लारी से चुनाव लड़ा. बीजेपी की सुषमा स्वराज को हराने के बाद उन्होंने अमेठी को चुना और बेल्लारी को छोड़ दिया था. इस चुनाव के साथ राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका गांधी के साथ पहली बार प्रचार किया था. एक बड़े चुनाव के लिए राहुल गांधी का पहला प्रदर्शन था.तब उनकी उम्र 29 साल और उनकी बहन प्रियंका गांधी की उम्र 27 साल थी.
राहुल गांधी शनिवार की सुबह बेल्लारी शहर के पास जिंदल हवाईपट्टी पर उतरेंगे. इसके बाद हेलीकॉप्टर से वो विजयनगर जाएंगे. हम्पी के पास होस्पेट में एक सार्वजनिक सभा में कांग्रेस का चुनाव अभियान शुरू करने के बाद वो पड़ोसी जिले कोप्पल जाएंगे. रविवार सुबह वह रायचूर जिले में पहुंचेंगे.
सोमवार को राहुल गांधी मल्लिकार्जुन खडगे के गढ़ गुलबर्ग और यादागिरी जिलों में जाएंगे. कुछ सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करने के बाद वह मंगलवार को बिदर जिले में होंगे. इसके बाद वो दिल्ली वापस लौट आएंगे.
बेल्लारी से है सोनिया,राहुल और प्रियंका का पुराना नाता
बेल्लारी कांग्रेस के लिए भी शुभ है. 2013 विधानसभा चुनाव में सात साल के विपक्ष के बाद कांग्रेस को सत्ता वापस दिलाने में बेल्लारी ने अहम भूमिका निभाई थी. 2010 में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कथित खनन माफिया रेड्डी भाईयों के विरोध में बेंगलुरू से बेल्लारी तक 350 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली थी. उन्होंने कथित तौर पर बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार को नियंत्रण में रखने के लिए ऐसा कदम उठाया था. बेल्लारी की इस पद यात्रा से जनता का मन कांग्रेस के पक्ष में बदल गया. और बीजेपी को सिद्धारमैया के हाथों अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में रेड्डी बंधुओं ने सोनिया की प्रतिद्वंदी सुषमा स्वराज का समर्थन किया था.
अब जब राहुल गांधी ने बेल्लारी की सड़कों पर उतरने का फैसला लिया है तो उन्हें चुनौती देने वाले रेड्डी हाशिए पर हैं. एक अरब डॉलर के खनन घोटाले में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद जनार्दन रेड्डी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने गृहराज्य में जाने से रोक दिया है. उनके बहुत से समर्थकों ने उन्हें छोड़ दिया है और इसके अलावा उनके कुछ समर्थकों का ओहदा काफी कम है. हालांकि उनके दाहिने हाथ माने जाने वाले बी श्री रामुलु बेल्लारी से बीजेपी सांसद हैं.
कांग्रेस ने इस जिले पर फिर से कब्जा कर लिया है और कई बीजेपी कार्यकर्ता भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं. बेल्लारी कर्नाटक चुनाव में अब मुख्य केंद्र नहीं रहा. लेकिन इसका एक और पहलू और भी है. 500 से भी अधिक साल पहले विजयनगर का साम्राज्य यहीं से चलता था.