कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच कांग्रेस शासित राज्य से ही कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को 2023 के विधानसभा चुनाव में मालूर सीट पर कांग्रेस विधायक के. वाई. नंजेगौड़ा की जीत को अमान्य घोषित कर दिया। अदालत ने मतगणना प्रक्रिया में गड़बड़ियों का हवाला देते हुए वोटों की पुनर्गणना का आदेश दिया है। यह फैसला भाजपा प्रत्याशी केएस मंजीनाथ गौड़ा की याचिका पर आया है, जिन्होंने मई 2023 के चुनाव में नंजेगौड़ा से सिर्फ 248 वोटों से हार का सामना किया था।
हाईकोर्ट ने कहा कि मतगणना प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की गंभीर जांच जरूरी है। जिला चुनाव अधिकारी ने मतगणना की वीडियो रिकॉर्डिंग अदालत में पेश नहीं की थी। अदालत ने 4 हफ्तों के भीतर पुनर्गणना का आदेश दिया, हालांकि आदेश को 30 दिन तक स्थगित रखा गया है ताकि नंजेगौड़ा सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें।मालूर विधानसभा सीट कर्नाटक की कोलार लोकसभा सीट के तहत आती है, जो अनुसूचित जाति (SC) आरक्षित है। 2023 चुनाव में कांग्रेस के नंजेगौड़ा को 29.4% वोट, भाजपा के मंजीनाथ गौड़ा को 29.26% वोट, निर्दलीय हुड्डी विजयकुमार को 28.48% वोट और जेडीएस को केवल 10.17% वोट मिले।
अब तक मालूर में जीतने वाले प्रत्याशी को हमेशा 40% से ज्यादा वोट मिलते रहे हैं, लेकिन 2023 में तीन दावेदारों ने सीट को त्रिकोणीय बना दिया। हाईकोर्ट के फैसले से नंजेगौड़ा को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस खेमे में उनकी पहचान कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (नंदिनी ब्रांड) के संभावित अध्यक्ष के रूप में की जा रही थी। भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसने मालूर चुनाव में “वोट चोरी” की है। भाजपा विधायक दल के नेता आर. अशोक ने कहा – “यह कांग्रेस पर सीधा आरोप है। अब क्या राहुल गांधी नंजेगौड़ा के खिलाफ ‘वोट चोरी यात्रा’ निकालेंगे?”
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