रायगढ़। जिले के सभी मुख्य मार्गों से पैदल, दुपहिया, बस/ट्रक से प्रवासी मजदूरों एवं दूसरे प्रान्तों के लोगों के आवागमन का सिलसिला लगातार जारी है. जिला प्रशासन द्वारा प्रवासी मजदूरों को राहत दिये जाने का कार्य अपने स्तर पर किया जा रहा है. इसके अलावा पुलिस अधीक्षक रायगढ़ संतोष कुमार की पहल पर पिछले दिनों प्रवासी मजदूरों के आवागमन के दौरान उनके भोजन, पानी, दवाईयां की व्यवस्था सभी थाना, चौकी प्रभारियों द्वारा अपने जिम्मे लिया गया है. पैदल जा रहे प्रवासी मजूदरों को बार्डर तक छोड़ने वाहन की व्यवस्था पुलिस स्टाफ द्वारा परिवहन विभाग अथवा किसी संस्थान से मदद लेकर की जा रही है.

जिले के सभी थाना क्षेत्र के तहत ऐसे कर्मवीर सहायता केन्द्र बनाये गये है जिनमें पुलिसवालों द्वारा वर्तमान समय में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सावधानी बरतकर हमारे कर्मवीरों को भोजन, पानी, दवाईयां, ग्लूकोज, ओ.आर.एस. देकर उनकी मदद कर रहें हैं.

आज जब आंध्र प्रदेश से बिहार, झारखंड पैदल जा रहे करीब 50 मजदूरों की समूह को कोतरारोड़ पुलिसवालों ने पानी, भोजन के लिये थाने के पास रूकवाये तो वे बताये कि पिछले चेक पोस्ट में भी पुलिसवाले रूकवाकर पानी नाश्ता दिया गया है. श्रमिकों में एक ने बताया कि कई जिलों को पार कर रायगढ़ पहुंचे यहां के पुलिसवाले पानी, नाश्ता देकर गाड़ी की व्यवस्था किए यह देखकर काफी सकून मिला. इसी प्रकार रायगढ़ से कानपुर पैदल जा रहे 09 मजदूरों को भोजन कराकर थाना प्रभारी घरघोड़ा द्वारा कानपुर जा रही ट्रक में बिठवाकर बार्डर तक छुडवाये. ऐसे ही कई चेक पोस्ट और कर्मवीर सहायता केन्द्रों में पुलिसवालों द्वारा पैदल, वाहनों में जा रहे कर्मवीरों को आगे की यात्रा के लिए बिस्किट, मिक्चर, मुर्रा, इलेक्ट्राल पाउडर आदि देकर विदा किये.

देश के कई रेलवे स्टेशनों में आज श्रमिक एक्सप्रेस को हरी झंड़ी दिखाई गई है. ऐसे में रायगढ़ जिले में भी श्रमिकों एवं आमजनों का आवागमन बढेगा. जिसे लेकर जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग की तैयारियां पूरी है. शहर एवं जनपद पंचायत स्तर पर चिन्हांकित लगभग 1700 प्राथमिक शाला, पंचायत भवन, मंगल भवन आदि को क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है. प्रत्येक क्वॉरेंटाइन सेंटर में सुरक्षा बल के रूप में आरक्षक एवं ग्राम कोटवार की ड्यूटी लगाई गई है. इसके अतिरिक्त गांव में स्वच्छ छवि के लोगों को भी विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) के रूप में ड्यूटी लिया जाएगा. इन गांव के चुनिंदा लोग क्वॉरेंटाइन सेंटर में वॉलिंटियर का कार्य करेंगे. प्रधान आरक्षक से उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारी सेक्टर प्रभारी, थाना प्रभारी, जोनल अधिकारी एवं राजपत्रित अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है, जिससे क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाले लोग अफरा-तफरी ना कर सके.