रायगढ़। शहर की यातायात समस्या के स्थायी समाधान के लिए एक बड़ी पहल की गई है। जिला प्रशासन और नगर निगम ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर के साथ स्मार्ट अर्बन मोबिलिटी प्लान तैयार करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस योजना के तहत शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए विशेषज्ञों की टीम कार्य करेगी।

बता दें कि जिला कार्यालय में आयोजित बैठक में कलेक्टर एवं जिला शहरी विकास सोसायटी के अध्यक्ष मयंक चतुर्वेदी, नगर निगम आयुक्त बृजेश सिंह क्षत्रिय, और एनआईटी रायपुर के प्रतिनिधियों के बीच इस योजना पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक के पश्चात एमओयू पर औपचारिक हस्ताक्षर किए गए।

पांच बिंदुओं पर होगा गहन विश्लेषण

एनआईटी रायपुर की विशेषज्ञ टीम जल्द ही रायगढ़ पहुंचेगी और शहर के पांच प्रमुख स्थानों पर गहन अध्ययन कर व्यापक ट्रैफिक रिपोर्ट तैयार करेगी। यह रिपोर्ट शहर की मौजूदा यातायात स्थिति, समस्याओं और उनके दीर्घकालिक समाधान की दिशा तय करेगी।

कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने कहा, “यह समझौता भीड़भाड़, अनियंत्रित ट्रैफिक और वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं से निजात दिलाने की दिशा में एक ठोस और प्रभावी कदम है।”

एमओयू के प्रमुख कार्य बिंदु

नगर निगम आयुक्त बृजेश सिंह क्षत्रिय ने एमओयू के तहत होने वाले कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि:

  • शहरी गतिशीलता के लक्ष्य निर्धारण और योजना क्षेत्र की पहचान की जाएगी।
  • वर्तमान ट्रैफिक व्यवस्था का तकनीकी विश्लेषण कर डेटा संकलन और ट्रैफिक पैटर्न का अध्ययन होगा।
  • बिजनेस एज यूजुअल परिदृश्य के माध्यम से बिना किसी हस्तक्षेप के भविष्य की यातायात स्थिति का अनुमान तैयार किया जाएगा।
  • हरित और सतत परिवहन विकल्पों पर आधारित दीर्घकालिक परिदृश्य विकसित किए जाएंगे।
  • अंततः एक समेकित और आधुनिक अर्बन मोबिलिटी प्लान तैयार किया जाएगा।

आयुक्त क्षत्रिय ने इसे रायगढ़ के लिए एक ऐतिहासिक पहल बताया और कहा कि एनआईटी की तकनीकी सहायता से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को जल्द ही एक नया स्वरूप मिलेगा, जिससे नागरिकों को दैनिक जीवन में राहत और सुविधा मिलेगी।

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