राउरकेला. आदिवासी क्षेत्र सुंदरगढ़ जिले में 6 रेलवे लाइन के लिए सर्वे बंद कर दी गई है. भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार से हरी झंडी नहीं मिलने और स्थानीय जन प्रतिनिधियों की इच्छाशक्ति की कमी के कारण ये परियोजनाएं वर्षों से रुकी हुई हैं. रॉक्सी-बांशपानी वाया कोइड़ा (57.5 किमी) के लिए 1746.29 करोड़, किरीबुरू-लदाबिल (24.2 किमी) 705.17 करोड़, कलुंगा-लाट्टिकटा (लगभग 15 किमी) के लिए 150 करोड़ की मंजूरी मिली थी, लेकिन आज तक एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ. 3 मई, 2018 को, कोइडा-लाडबिल लाइन का सर्वेक्षण किया गया और रेलवे बोर्ड को प्रस्तावित किया गया. तदनुसार, झारसुगुड़ा-अंबिकापुर, किरीबुरू-गोवा रेलवे लाइनों की खोज की गई और उनका सर्वेक्षण किया गया. बताया जाता है कि निर्माण के लिए रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिल गयी है. राज्य सरकार से जैसे ही भूमि अधिग्रहण की अनुमति मिल जाएगी, काम जल्द से जल्द शुरू हो जाएगा.

2023-24 तक ये रेलवे लाइनें पूरी हो सकती हैं. लेकिन ये प्रोजेक्ट कैसे शुरू होंगे, इस पर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के कारण प्रस्तावित रेल लाइन कनेक्टिविटी का काम रुका हुआ है. परिणामस्वरूप, जिले में खनिजों के परिवहन के लिए इन क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन की यातायात समस्या जटिल हो गई है. आने वाले दिनों में सुंदरगढ़ जिला राज्य का स्टील हब बनने जा रहा है. बंद खदानों की नीलामी होगी और वहां से लौह की निकासी शुरू होगी‌.

इस दृष्टि से 6 परियोजनाओं को जोड़ने की काफी आवश्यकता है. अगर लाथमकटा-कामंगा स्टेशन पर रेलवे साइडिंग का निर्माण हो जाए तो स्मार्ट सिटी राउरकेला की यातायात समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है. नौकरी मिल सकते हैं. जिले से रेलवे विभाग को करोड़ों का राजस्व मिल सकता है. इन सभी रेलवे परियोजनाओं को आगे नहीं बढ़ाया गया तो जिले के आर्थिक विकास में बाधा बनेंगी. जिले के आर्थिक विकास को देखते हुए राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण को हरी झंडी देने के लिए रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा है.

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