Ashwini Vaishnaw On Indian Railway: ट्रेनों में वेटिंग टिकट पर परेशानी के साथ वेटिंग टिकट (Waiting Ticket) पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। भारतीय रेलवे ट्रेनों में वेटिंग टिकट की परेशानी खत्म करने को लेकर काम कर रहा है। आने वाले दिनों में लोगों को 120 दिन पहले टिकट बुक कराने की जरूरत नहीं होगी। ट्रेनों में यात्री सुविधाजनक सफर कर सकेंगे। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद इसका प्लान बताया है कि कैसे एक तय डेडलाइन में रेलवे वेटिंग लिस्ट खत्म की तैयारी कर रहा है।
केंद्र में अब एनडीए की नई सरकार बनने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वेटिंग टिकट से निजात पाने को लेकर बयान दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वेटिंग टिकट की समस्याओं से निपटने की पूरी कोशिश की जा रही है।
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रेल मंत्री ने कहा कि इस बार गर्मियों में पहले की अपेक्षा दस गुना अधिक ट्रेन चलाई गई हैं। पिछले साल छठ के अवसर पर चार गुना अधिक ट्रेनें चलाई गई थीं। 2024 में 14 किलोमीटर पटरी प्रति दिन बनाई जा रही है। वहीं 2014 में रोज 4 किलोमीटर पटरी तैयार किया जाता है। पिछले पांच सालों में 35 हजार किलोमीटर पटरी बनी है।
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रेल मंत्री ने बताया कि देश के लोगों के कब वेटिंग टिकट के परेशानी से निजात मिलेगा। उन्होंने कहा, “भारत में रोज 22 हजार ट्रेनें चलाई जा रही है। अगर हम रोज 3 हजार ट्रेनें बढ़ाते जाएं तब जाकर वेटिंग लिस्ट को पूरी तरह से खत्म कर पाएंगे। साल 2032 तक हम वेटिंग टिकट की समस्याओं को खत्म कर पाएंगे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस गर्मी में रोज 4 करोड़ अतिरिक्त यात्री स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से यात्रा कर रहे हैं। भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी और एशिया की सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क हैं। इसी सुरक्षा वाले कवच सिस्टर पर बोलते हुए रेल मंत्री ने कहा, ये हर स्टेशन पर डेटा सेंटर बनाने और टेलीकम्यूनिकेशन की लाईन बिछाने जैसा है। ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम डेवलप करना बेहद कॉम्प्लेक्स है. इसमें गाड़ी पर लगने वाला इक्विपमेंट हर गाड़ी के लिए यूनिक डेवलप करना होगा। क्योंकि हर ट्रेन की स्पीड और रुकने की टाइमिंग अलग अलग होती है।
40 हजार किमी रेलवे ट्रैक का निर्माण जारी
उन्होंने बताया कि बजट में की गई घोषणा के अनुसार इन तीनों कॉरिडोर को मिलाकर 40 हजार किमी रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। यह जर्मनी जैसे विकसित देश के कुल रेलवे ट्रैक के बराबर होगा। इसमें नई रेल ट्रैक के निर्माण के अलावा मौजूदा रेलवे ट्रैक पर जरूरत के अनुसार डबलिंग या उससे अधिक ट्रैक बिछाए जाएंगे। इसके साथ ही ट्रेनों के लिए फ्लाईओवर, अंडरपास का भी निर्माण किया जाएगा।अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इन चारों कॉरिडोर के निर्माण में 9 वर्ष का समय लग जाएगा। 40 हजार वंदेभारत सुविधाओं वाले कोचों के निर्माण में पांच वर्ष का समय लग जाएगा। इस तरह वेटिंग लिस्ट खत्म करने में अभी छह से सात वर्ष का समय लग जाएगा। यानी वर्ष 2030-31 तक लोगों को कंफर्म टिकट मिल सकेगा।
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