Railway News: प्रतीक चौहान. रायपुर. ट्रेन में अक्सर जनरल कोच में भारी भीड़ देखी जाती है. एक तरफ जहां स्लीपर (Sleeper Coach)  और एसी कोच (AC Coach) में लोग आराम से चढ़ जाते हैं तो वहीं अनरिजर्व्ह कोच में चढ़ने के लिए भी लोगों को कमर कसनी पड़ती है.

 हालांकि अब रेल मंत्रालय (Railway Board) ने जोनल अथारिटी से कहा है कि जनरल कोच से बोझ कम करने के लिए यात्रियों को स्लीपर कोच (Sleeper Coach) में भी जगह दी जाए. रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिया है कि जिन ट्रेनों के स्लीपर कोच में यात्री कम हों, उन्हें जनरल कोच बना दिया जाए. खास तौर पर दिन के समय चलने वाली ट्रेनों में ऐसा करने का निर्देश दिया गया है. जहां स्लीपर कोच में यात्रियों की संख्या कम होगी वहां कोच को जनरल कोच में बदलने की सिफारिश की जाएगी. इसका उद्देश्य है कि रेलवे को अतिरिक्त रेवेन्यू भी मिले और थोड़ी दूर यात्रा करने वाले यात्रियों को भी सुविधा मिले.

हर कोच की है अपनी क्षमता

एक रेलवे अधिकारी ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि जब तक ट्रेन नहीं छूटती तब तक जनरल क्लास के टिकट जारी किए जाते हैं. इसकी कोई सीमा भी नहीं है. ऐसे में जनरल कोच में काफी भीड़ हो जाती हैं. हर कोच की अपनी क्षमता है. फर्स्ट एसी कोच में 18 से 24 बर्थ तक होती हैं. सेकंड एसी में 48 से 54, थर्ड एसी में 64 से 72, स्लीपर में 72 से 80 और जनरल कोच में 90 लोगों के सफर करने की सुविधा होती है. वहीं जनरल कोच में 180 से भी ज्यादा यात्री आम तौर पर सफर करते हैं.