रेलवे बोर्ड के प्रमुख ने कहा कि वह यात्री एवं मालगाड़ी, दोनों सेवाओं का परिचालन पंजाब के ताजा हालात को देखकर फिलहाल नहीं करेंगे। दरअसल पंजाब में कृषि बिल के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने 40 दिन तक रेल पटरियों पर धरना देने के बाद अब पटरियों से हटने का फैसला लिया है लेकिन रेलवे आंदोलन जारी रहने तक रिस्क नहीं लेना चाहती है। पंजाब में नए कृषि कानूनों को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसके चलते किसानों ने रेल की पटरियों पर चक्का जाम किया हुआ है और राज्य में 24 सितंबर से ट्रेनों का परिचालन बंद है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने कहा कि राज्य अपनी पसंद से चुनाव नहीं कर सकते। कोई यह निर्देश नहीं दे सकता कि पटरियों पर कौन सी ट्रेन चलेगी या कौन सी नहीं, यह व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी अभी भी पंजाब में एक रेलवे स्टेशन पर हैं और 22 अन्य जगहों पर स्टेशन के बाहर जमा हैं और धमकी दी है कि यदि यात्री रेलगाड़ी चलायी गयी तो वह फिर पटरियों की ओर लौट आएंगे। प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार की ओर से बयान आए हैं कि पटरियों को केवल मालगाड़ियों के लिए खाली किया गया है। भारतीय रेल इस तरह से परिचालन नहीं कर सकती है। यदि पटरियां खाली हैं तो वह माल एवं यात्री दोनों तरह की गाड़ियों के लिए खाली हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग को ठुकराते हुए यादव ने कहा, हम इस माहौल में ट्रेन नहीं चला सकते हैं।