बिलासपुर. नागपुर के बीच शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन के स्वागत कार्यक्रम में राजकीय गीत के अपमान का विवाद अब गहराने लगा है. कांग्रेस के नेता अब इसे लेकर आंदोलन के मूड में हैं. इस मामले में रेलवे के जीएम से मिलकर दोषी रेल अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे. दूसरी ओर रेलवे CPRO साकेत रंजन ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में अरपा पैरी के धार गीत की प्रस्तुति दी गई, बच्चों ने इसे पूरा गाया, जो राजकीय गीत नहीं है. बल्कि, अरपा पैरी के धार गीत को सांस्कृतिक रूप से पेश किया है. इधर रेल अफसर के इस बयान को लेकर जानकारों ने भी उन्हें घेरा है.
दरअसल, बीते 11 दिसंबर को वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हुई, इस दौरान बिलासपुर रेलवे स्टेशन में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन के दौरान छत्तीसगढ़ का राजकीय गीत ‘अरपा पैरी के धार’ बच्चों ने प्रस्तुत किया तो रेल अफसर राजकीय गीत के सम्मान में खड़े होने की बजाय कुर्सी पर बैठे काजू-किशमिश खाते आपस में बात करते रहे. मामले को सबसे पहले LALLURAM.COM ने उठाया, तो रेल अफसर खुद को घिरता देख मामले से किनारा करने लगे.
इधर कांग्रेस इस मामले को लेकर अब आंदोलन के मूड में है. कांग्रेसियों का कहना है कि रेलवे के अधिकारियों का यह कृत्य बहुत ही निंदनीय है. एक तरफ जहां प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ाने और छत्तीसगढ़ियों के सम्मान के लिए लगातार काम कर रहे हैं, वहीं, दूसरी तरफ भारत सरकार के अधीन काम करने वाले रेलवे के अधिकारी छत्तीसगढ़ के सम्मान को ठेस पहुंचाने का काम कर रहे हैं. जिस तरह से वंदेभारत ट्रेन के स्वागत कार्यक्रम में राजकीय गीत का अपमान किया गया है. इसके दोषी अफसर AGM और DRM के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
प्रोटोकॉल में नहीं था- साकेत रंजन
इधर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी साकेत रंजन ने कहा कि वंदे भारत के स्वागत के दौरान हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने अरपा पैरी के धार गीत की प्रस्तुति दी. राज्य शासन ने राजकीय गीत में गजट में प्रकाशित हुआ है, वह 1 मिनट 15 सेकेंड का गीत है, जिसका मानिकीकरण किया गया है. लेकिन, यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम में राजकीय गीत के प्रोटोकाल में नहीं था और सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल था. ऐसे में राजकीय गीत के अपमान का सवाल ही नहीं है.
सम्मान देना चाहिए था- जानकार
जानकारों का कहना है कि ‘अरपा पैरी के धार’ गीत को छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य गीत घोषित किया है. ऐसे में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा ‘अरपा पैरी के धार’ गीत गाते ही रेल अफसरों को प्रोटोकॉल के तहत राजकीय गीत को सम्मान देना था. रेलवे के कार्यक्रम में राजकीय गीत के अपमान का मामला गरमा गया है, रेलवे के अधिकारी चाहे लाख तर्क दें, लेकिन कांग्रेसी इस मुद्दे पर रेल अफसरों पर कार्रवाई तक आंदोलन के मूड में हैं.
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