भारतीय रेलवे ने भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) को इस साल पिछले साल की तुलना में 1 लाख टन ज्यादा रेल पटरी का ऑर्डर दिया है. पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भिलाई स्टील प्लांट ने 12 लाख 53 हजार 227 टन से ज्यादा रेल पटरी की आपूर्ति की थी. अब इस साल बीएसपी प्रबंधन को 13 लाख 20 हजार टन से ज्यादा की आपूर्ति करनी होगी.

भिलाई स्टील प्लांट के मुताबिक भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 7,000 किलोमीटर की दूरी के लिए नए रेलवे ट्रैक बिछाने का टारगेट रखा है. रेलवे बोर्ड नई रेलवे लाइन बिछाने में इस वित्त वर्ष में 26,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है. वहीं गेज बदलने में 3.8 करोड़ खर्च करने की तैयारी में है.

हर महीने सवा लाख टन पटरी की सप्लाई का टारगेट

प्रबंधन के मुताबिक बीएसपी के सामने रेक की कमी एक बड़ी चुनौती है. उत्पादन करने के बाद बीएसपी को हर महीने रेलवे से कम से कम 50 रैक की जरुरत होती है. इसमें कमी आ जाने से वक्त पर रेल पटरी की आपूर्ति नहीं हो पाएगी. जिससे उत्पादन पर भी असर पड़ता है. इस साल ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में रेल पटरी की आपूर्ति की जानी है. बीएसपी प्रबंधन ने तय किया है कि हर महीने कम से कम एक से सवा लाख टन रेल पटरी की आपूर्ति करेगा. यदि उसने यह लक्ष्य हासिल कर लिया तो साल के अंत तक उसके पास उत्पादन को लेकर दबाव भी कम ही रहेगा.

20 लाख टन हुइ उत्पादन क्षमता

भिलाई स्टील प्लांट ने 2016-17 में भारतीय रेल को 6.67 लाख टन रेल पटरी की सप्लाई की थी. वहीं 2017-18 में 9 लाख टन का ऑर्डर मिला था, जिसमें से बीएसपी ने करीब 8.8 लाख टन रेल पटरी की आपूर्ति की थी. इस बार 13 लाख टन से ज्यादा का ऑर्डर बीएसपी को मिला है. हालांकि बीएसपी की क्षमता इससे भी ज्यादा की है. संयंत्र को समय पर रॉ-मटेरियल मिल जाए, तो आरएसएम और यूआरएम की टीम पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए ये डिमांड भी पूरी कर सकती है. जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) शुरू होने के बाद बीएसपी के पास रेलपांत उत्पादन करने की क्षमता बढ़कर २० लाख टन हो गई है. बीएसपी पहले पुराने रेल स्ट्रक्चर मिल (आरएसएम) से ही 7 से 8 लाख टन तक सालाना रेलपांत बना रहा था.