Bihar Rail News: बिहार में त्योहारों के बाद अब चुनावों का माहौल भी धीरे-धीरे समाप्ति की ओर है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को हो चुका है, जबकि दूसरे चरण की वोटिंग 11 नवंबर को होगी। दीपावली और छठ जैसे बड़े त्योहारों के बाद अब लाखों प्रवासी मजदूर, जो अपने घरों में त्योहार मनाने और वोट डालने आए थे, अपनी कर्मभूमि यानी काम की जगह की ओर लौटने की तैयारी में हैं। ऐसे में भारतीय रेलवे ने प्रवासियों की सुविधा के लिए बड़ा इंतजाम किया है। रेलवे ने अगले तीन हफ्तों में 500 से अधिक स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है ताकि किसी यात्री को सफर में परेशानी न हो।
इन विशेष ट्रेनों का संचालन मुख्य रूप से पटना और गया स्टेशनों से किया जाएगा। ये ट्रेनें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, पुणे, सूरत और अहमदाबाद जैसे बड़े शहरों तक रोजाना चलाई जाएंगी। रेलवे के पीआरओ डायरेक्टर ने बताया कि इस बार छठ पूजा के बाद भी लोग चुनाव की वजह से बिहार में रुके रहे थे। अब जैसे-जैसे चुनाव खत्म हो रहा है, घर से बाहर काम करने वाले लोगों की वापसी का दबाव बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए रेलवे ने यह कदम उठाया है।
रेलवे ने बताया कि पटना से दिल्ली के लिए रोजाना 20 स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। वहीं, मुंबई के लिए 15, जबकि पुणे, सूरत और अहमदाबाद के लिए 10-10 ट्रेनें रोजाना जाएंगी। गया से कोलकाता के लिए भी 12 ट्रेनें निर्धारित की गई हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, बिहार में करीब 3.75 करोड़ मतदाताओं में बड़ी संख्या प्रवासी मजदूरों की है। उनकी वापसी को सुगम बनाना रेलवे की प्राथमिकता है ताकि भीड़ और अव्यवस्था की स्थिति न बने।
इन स्पेशल ट्रेनों में ज्यादातर अनारक्षित डिब्बे होंगे ताकि यात्रियों को तुरंत चढ़ने और यात्रा करने की सुविधा मिल सके। वहीं, जो लोग सीट बुक करना चाहते हैं, वे IRCTC ऐप या रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर से बुकिंग करा सकते हैं। रेलवे ने स्टेशनों पर अतिरिक्त टिकट काउंटर, पीने के पानी की व्यवस्था और बैठने के लिए पर्याप्त जगह का भी इंतजाम किया है। सुरक्षा के लिए आरपीएफ के जवान भी तैनात रहेंगे।
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले पूरी तैयारी कर लें और प्लेटफॉर्म पर भीड़ या धक्का-मुक्की से बचें। कई प्रवासी मजदूरों ने बताया कि उन्हें चुनाव के कारण कुछ दिनों की अतिरिक्त छुट्टी मिल गई, जिससे वे वोट डालने और छठ मनाने का अवसर पा सके। अब वे रेलवे की इस व्यवस्था से काफी खुश हैं क्योंकि इससे उन्हें समय पर काम की जगह लौटने में आसानी होगी।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार रिकॉर्ड संख्या में स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। यह व्यवस्था प्रवासी मजदूरों के लिए रेलवे का बड़ा तोहफा मानी जा रही है। बिहार से बाहर काम करने वाले लाखों लोगों के लिए अब जन्मभूमि से कर्मभूमि तक का सफर पहले से कहीं अधिक आसान और सुविधाजनक हो जाएगा।
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