सुप्रिया पांडेय, रायपुर। मानसून के आगमन से लोगों को गर्मी से तो राहत मिल गई है, लेकिन नगरीय निकायों में प्रशासन की लापरवाही से लोगों का पिछेल सालों की तरह जीना मुहाल हो गया है. इससे राजधानी तक अछूता नहीं है, जहां मंगलवार को हुई झमाझम बारिश से सड़कों से लेकर घरों तक घुटनों तक पानी भर गया.
राजधानी के जलविहार कालोनी के रहवासी रमेश का कहना है कि हमें काफी सालों से इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बारिश के समय सड़कें तालाब बन जाती हैं, नालियों का गंदा पानी सड़कों पर आ जाता है, जिसकी वजह से बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है. निगम की टीम तो आती है, स्थिति सुधरती भी है. लेकिन अगली बारिश में फिर यही नजारा देखने को मिलता है. सड़कों पर नालियां भी बना दी गई है, लेकिन जाम रहने की वजह से यह स्थिति निर्मित होती है. इलाके के ही रहवासी राजीव ने बताया कि 6 महीने से यहां हूं, लेकिन तीन बार सड़कों पर पानी की वजह से तालाब बनते देख चुका है. बस आश्वासन देते है कि स्थिति सुधारी जाएगी, लेकिन अब तक ऐसा कुछ भी नजर नहीं आया है.
निगम आयुक्त पुलक भट्टाचार्य भी सड़कों पर पानी भरे रहने की समस्या को स्वीकार करते है. वे साफगोई से कहते हैं कि बीते 10 वर्षों से यह नजारा मैं खुद देख रहा हूं, लेकिन यह भी सच है कि जल्द ही उस इलाके की व्यवस्था को जल्द सुधारा जाएगा, और नाले-नालियों की स्थिति भी ठीक की जाएगी.
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