कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी बीच ग्वालियर में भी प्री मानसून एक्टिव हो चुका है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महज 4 घंटे की बारिश में लगभग 51 एमएम रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई है। वहीं दूसरी ओर बारिश के चलते पूरा शहर जलमग्न हो गया। जिसने नगर निगम की पोल खोल दी।

दरअसल, शहर के कई इलाकों में सीवर उफने तो कई जगहों के नाले भी उफान पर आ गए, 4 घंटे की बारिश के चलते शहर में बने हालातों के बाद नगर निगम के ड्रेनेज सिस्टम के दावों की पोल खुल गई। सीवर चैंबर की सफाई और नालों के गहरीकरण में करोड़ों खर्च करने के बाद भी शहर में जल भराव की तस्वीर को लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल भी किया।

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कुछ देर की बारिश ने 5 करोड़ की खोली पोल

दरअसल, मानसून की आमद दर्ज होने से पहले नगर निगम ने शहर के छोटे बड़े लगभग 400 से ज्यादा नालों पर 5 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर सीवर चैंबर की सफाई और नालों के गहरीकरण का दावा किया था। लेकिन बुधवार की शाम को शुरू हुई तेज बारिश गुरुवार की सुबह तक जारी रही। इस दौरान लगभग 51 एमएम बारिश दर्ज की गई, जिसके साथ ही शहर के लगभग एक दर्जन से अधिक इलाकों में जल भराव के हालात बन गए।

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पानी से लबालब हुआ शहर

हाल ये हो गए की सड़के पानी से लबालब हो गई। कई जगहों पर वाहन तैरते हुए भी नजर आए। शहर के जल भराव के हाल इस कदर बिगड़े की चंबल जोन के आईजी का दफ्तर तालाब में बदल गया। बारिश बंद होने के साथ ही नगर निगम के अमले ने गाड़ियां भेज कर जल भराव वाले जगह पर पानी को खाली कराया। नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि ज्यादातर जगहों से पानी को ड्रेनेज कर दिया गया।

गौरतलब है कि कुछ घंटे की बारिश में शहर जब जलमग्न हो गया। वहीं अगर शहर में 24 घंटे लगातार बारिश होगी तो ऐसी स्थिति में शहर के क्या हालात होंगे और जिम्मेदारों पर क्या एक्शन लिया जाएगा यह देखने वाली बात होगी।

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