जयपुर। राजस्थान में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। सोमवार और मंगलवार को प्रदेश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश हुई, जिसके चलते प्रशासन ने कई जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। कोटा, बूंदी, बारां, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और झालावाड़ में आज (30 जुलाई) भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी है, जबकि जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर को छोड़कर बाकी जिलों में येलो अलर्ट है।

बारिश के चलते राज्य के 18 जिलों में आज स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं और सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं।

सवाई माधोपुर और बारां में हालात गंभीर

सवाई माधोपुर में लगातार दो दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण सड़कें डूब गई हैं और मध्य प्रदेश की ओर जाने वाला हाईवे बंद कर दिया गया है। वहीं, बारां जिले में हालात और भी बिगड़ गए हैं। शहर और गांवों में पानी भर गया है, कई जगहों पर 3-4 फीट तक पानी जमा है। जिला प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए जिले में 2 अगस्त तक स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है।

दुकानों में घुसा पानी, बाजार जलमग्न

बारां के प्रमुख बाजारों और चौराहों पर तीन फीट तक पानी भर चुका है। कई दुकानों में पानी घुसने से व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। पानी का बहाव इतना तेज है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।

नदियां उफान पर, पुल टूटे, रास्ते बंद

जिले की कालीसिंध, पार्वती और परवन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 18 से ज्यादा तालाब और बांध भी उफान पर हैं। कई ग्रामीण रास्तों की पुलियाएं टूट चुकी हैं जिससे आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। शाहाबाद क्षेत्र में NH-27 पर तीन फीट पानी बहने से हाईवे बंद कर दिया गया है, जिससे लंबा जाम लग गया है।

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ग्रामीण क्षेत्र डूबे, बिजली ठप

कई ग्रामीण इलाके तालाब में तब्दील हो गए हैं। समरानियां के बिजली ग्रिड में पानी घुसने के कारण इलाके में दो दिन से बिजली गुल है। केलवाड़ा और आस-पास की बस्तियों में पानी घरों में घुस गया है, जिससे लोगों का राशन और जरूरी सामान बह गया।

प्रशासन अलर्ट पर, राहत कार्य जारी

जिला प्रशासन ने हालात को गंभीर मानते हुए राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर के निर्देश पर सभी विभागों को सतर्क कर दिया गया है। एडीएम शाहाबाद जबर सिंह ने बिलोदा मामली गांव पहुंचकर हालात का जायजा लिया। मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में कलोरा तालाब के टूटने की आशंका को देखते हुए गांवों को खाली कराया जा रहा है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जब तक हालात सामान्य न हो जाएं, तब तक घरों में ही रहें और सतर्कता बरतें। प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर, खाने-पीने का इंतजाम और जरूरी सामान की व्यवस्था की गई है। बारां सहित कई जिलों में हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है।

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